भोपाल ।  मध्‍य प्रदेश की जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 154 बंदियों को संविधान निर्माता डा.भीमराव आंबेडकर की जयंती पर अच्छे आचरण के कारण समय से पूर्व ही रिहा किया गया। अभी तक 26 जनवरी और 15 अगस्त पर इस तरह बंदियों को रिहा किया जाता था लेकिन नई व्यवस्था के अंतर्गत वर्ष में चार बार रिहाई की जा रही है।

जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि 22 सितंबर, 2022 से दोषसिद्ध बंदियों को 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 14 अप्रैल (आंबेडकर जयंती), 15 अगस्त (स्वाधीनता दिवस) और दो अक्टूबर (गांधी जयंती) को अच्छे आचरण की शर्त पर सजा में छूट देने का प्रविधान किया गया है।

डा.आंबेडकर की जयंती पर पूरे प्रदेश में कुल 164 आजीवन कारावास के बंदियों में से 154 रिहाई के लिए पात्र पाए गए। जिन बंदियों की अपील पर उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय दिया जा चुका है, उनसे यह शपथ पत्र लिया गया है कि उनकी ओर से जेल के बाहर से सुप्रीम कोर्ट में अलग से कोई अपील प्रस्तुत नहीं की गई है।

जबलपुर जेल के आठ बंदी अपात्र

केंद्रीय जेल जबलपुर में हत्या के दो प्रकरण में आजीवन कारावास की सजा होने से आठ बंदियों को रिहाई के लिए अपात्र माना गया। इसी तरह केंद्रीय जेल नर्मदापुरम के एक मामले में पाक्सो और देह व्यापार अधिनियम का प्रकरण लंबित होने के कारण रिहाई की अनुशंसा नहीं की गई। केंद्रीय जेल सतना, जिला जेल छतरपुर और नीमच के तीन गैर आजीवन कारावास से दंडित बंदियों को जुर्माना चुकाने और लंबित अपील का निराकरण होने की शर्त पर रिहा किया गया।

किस जेल से कितनी रिहाई

जेल- बंदियों की संख्या

केंद्रीय जेल भोपाल- 15
खुली जेल भोपाल- दो
केंद्रीय जेल इंदौर- 21
खुली जेल इंदौर- एक
केंद्रीय जेल नरसिंहपुर- छह
जिला जेल टीकमगढ़- चार
केंद्रीय जेल सागर- 15
केंद्रीय जेल रीवा- 17
केंद्रीय जेल जबलपुर- 10
केंद्रीय जेल नर्मदापुरम- चार
नवजीवन आश्रम खुली जेल नर्मदापुरम- एक
केंद्रीय जेल बड़वानी- तीन
केंद्रीय जेल ग्वालियर- 25
केंद्रीय जेल सतना- 10
खुली जेल सतना- एक
केंद्रीय जेल उज्जैन- 19