फूड पॉइंजनिंग के कारण मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने पर आपातकालीन स्थिति में चिकित्सकों की टीम ने मरीजों का इलाज शुरू किया। मौके पर थानाधिकारी महावीर प्रसाद मय जाप्ता पहुंचे और अस्पताल परिसर में जायजा लिया। कठूमर, खेड़ली सहित गारु गांव में मरीजों का इलाज चल रहा है। मरीजों की संख्या 150 के पार हो गई है। वहीं, गांव में भी चिकित्सा टीम इलाज में जुटी है।

खेड़ली कस्बे के समीपवर्ती गारु गांव में कुआं पूजन समारोह और रामायण पाठ के बाद सामूहिक भोज में खाने गए 150 से ज़्यादा लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए। जिन्हें अस्पताल परिसर में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, अमरचंद सैनी के पुत्र होने की खुशी में कुंआ पूजन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें उसने गांव के लिए दाल- बाटी-चूरमा की दावत दी गई। काफी संख्या में गांव के लोग खाना खाने के लिए पहुंचे।  खाना खाने के कुछ ही समय बाद लोगों के उल्टी, दस्त, पेट दर्द शुरू हो गया और तबीयत खराब हो गई और वह फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए, जिन्हें खेड़ली के राजकीय रैफरल अस्पताल परिसर में भर्ती कराया गया, जिनका आपातकालीन स्थिति में चिकित्सकों की टीम द्वारा इलाज किया गया।

चिकित्सा प्रभारी अंकित जेटली ने बताया कि गारु गांव में भी टीम भेजी गई है। जहां पर भी फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए मरीजों का इलाज किया जा रहा है और दवाइयां दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में 80 मरीजों को भर्ती किया गया है और उन्हें ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। मामले की सूचना पर कठूमर तहसील दार राजेश मीणा, नायाब तहसीलदार लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता, सीओ कठूमर अशोक चौहान सहित थानाधिकारी महावीर प्रसाद भी मौके पर पहुंचे और घटना के संबंध में जानकारी ली।

खाने के चिकित्सा विभाग ने लिए सैंपल...

ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ ने बताया कि दाल, बाटी, चूरमा के सैंपल ले लिए गए हैं। अलवर में फूड सेफ्टी विभाग की टीम को सूचना दे दी गई है, जिसके आने पर सैंपल की जांच कराई जाएगी। जानकारी मिली है की 150 से ज़्यादा लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए हैं, जिनका कठूमर खेड़ली और गारु गांव में इलाज किया जा रहा है।

गांव में हालत पर नजर बनाने के लिए एक आपातकालीन मेडिकल टीम तैनात की गई है। यह टीम यह सभी के स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है। चिकित्सकों के अनुसार, हालत धीरे- धीरे सामान्य होते जा रहे हैं।