नासिक। महाराष्ट्र के नासिक जिले के सताना शहर में मणिपुर में दो महिलाओं पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ हो रहा विरोध मार्च हिंसक हो गया। इस दौरान हुए पथराव भी किया गया, जिससे 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। 

कई लोगों को हिरासत में लिया गया

पुलिस अधीक्षक (एसपी) शाहजी उमाप ने कहा कि शनिवार शाम को हुई घटना के संबंध में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है।

किसने किया मार्च का आयोजन

मार्च का आयोजन एकलव्य आदिवासी संगठन, कुछ अन्य आदिवासी संगठनों और वंचित बहुजन अगाड़ी द्वारा मणिपुर में महिलाओं का यौन उत्पीड़न और उन्हें निर्वस्त्र घुमाने के विरोध में किया गया था। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा, "डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर प्रतिमा से शुरू हुआ मार्च जब तहसील कार्यालय के पास पहुंचा तो कुछ प्रतिभागियों ने सताना पुलिस स्टेशन के सामने धरना शुरू कर दिया और मांग की कि स्थानीय भाजपा विधायक दिलीप बोरसे उनका ज्ञापन स्वीकार करें। इस पर पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया कि विधायक उनका ज्ञापन स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि वह मुंबई में विधानसभा सत्र में भाग ले रहे हैं।"

पुलिस को प्रदर्शनकरियों पर करना पड़ा लाठीचार्ज

अधिकारी ने बताया कि तीखी बहस हुई और कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और वहां से गुजर रहे वाहनों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को 'हल्का लाठीचार्ज' करना पड़ा। घटना के बाद शहर में तनाव फैल गया और दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं। 

कितने लोगों को हिरासत में लिया गया

एसपी उमाम ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि घटना में दस पुलिसकर्मी घायल हो गए। हमने पथराव करने वाले 21 लोगों को हिरासत में ले लिया है। यह घटना विरोध मार्च के बाद हुई। तुरंत अतिरिक्त बल बुलाया गया। स्थिति अब शांतिपूर्ण है।