धनबाद। व्यवसायियों को धमकी देकर पैसा वसूलने वाले प्रिंस खान के 10 गुर्गों को पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया है। पकड़े गए बदमाशों में एक महिला भी है। वह पैसों के लेन-देन में अहम भूमिका निभा रही थी। पुलिस प्रिंस खान के पूरे सिंडिकेट को ध्वस्त करने में जुटी है। इस क्रम में एक दर्जन से अधिक पुलिस पदाधिकारियों को काम पर लगाया है।

प्रिंस को 300 अलग-अलग बैंक खातों से पहुंचाए जाते थे पैसे

प्रिंस खान तक रुपये पहुंचाने वाले तकरीबन 300 अलग-अलग नाम के बैंक खातों को पुलिस खंगाल रही है। रविवार को एसएसपी संजीव कुमार ने मीडिया को बताया कि वासेपुर के कमरमखदुमी रोड के रहने वाले सद्दाम अंसारी और उसकी पत्नी नरगिस बानो साथियों के साथ मिलकर प्रिंस खान के लिए रुपये की उगाही करते थे।

रंगदारी में वसूली गई रकम विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करते थे। तकरीबन एक करोड़ की राशि गिरफ्तार शातिरों ने विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर प्रिंस खान तक पहुंचाया है। गिरफ्तार अपराधियों के पास से एक लाख नकद और एक देसी कट्टा, चार कारतूसस एक रजिस्टर भी पुलिस ने बरामद किए हैं।

पुलिस की टीम में ये अधिकारी हैं शामिल

रजिस्टर में रंगदारी से वसूली गई राशि का उल्लेख है। विभिन्न बैंकों के 90 खातों की जानकारी पुलिस को मिली है। प्रिंस खान गिरोह की तलाश में डीएसपी अरविंद बिन्हा के नेतृत्व में टीम गठित हुई थी। इसमें केंदुआडीह इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार सिंह, बैंकमोड़ थाना के प्रभारी थानेदार प्रभात रंजन पांडेय, मुनीडीह ओपी प्रभारी शालो हेंब्रम, राजगंज थाना प्रभारी आलोक कुमार सिंह, भूली ओपी प्रभारी रोशन बाड़ा, गोंदूडीह ओपी प्रभारी कुंदन कुमार, जोगता थाना प्रभारी दीपक कुमार, बरोरा थाना प्रभारी नंदू पाल के अलावा कई पुलिस पदाधिकारियों को लगाया गया था।

फायरिंग करने वालों के नाम पते ढूंढ़ रही पुलिस

प्रिंस खान के पूरे नेटवर्क में तकरीबन दो दर्जन से अधिक अपराधी सक्रिय हैं। इसे पुलिस की स्पेशल टीम अब भी ढूंढ़ रही है। प्रिंस खान जिन लोगों की मदद से किसी के घर पर फायरिंग करवाता था। पुलिस वैसे कुछ लोगों को ढूंढ़ रही है। जबकि कुछ अपराधियों को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।

पुलिस ने इन अपराधियों को गिरफ्तार कर भेजा जेल

अपराधियों में शादाब अंसारी, शाहिद, सद्दाम, नरगिस बानो, सिराज अंसारी उर्फ छोटू, बाबर अहमद खान, माजिद अंसारी, अमन कुमार वर्मा, संतोष गोस्वामी हैं। सभी के प्रिंस खान गिरोह के होने के प्रमाण मिले हैं।

शादाब व सद्दाम गिरोह का प्रमुख सदस्य है। सद्दाम कमरमखदुमी रोड का निवासी है। शादाब अंसारी, बाबर अहमद, संतोष कुमार केंदुआडीह, सिराज अंसारी भूली बाइपास रोड व माजिद अंसारी पुटकी निवासी है। महिला नरगिस बानो सद्दाम अंसारी की पत्नी का नाम है।

प्रिंस खान तक रुपयों को किया जाता है ट्रांसफर

गिरोह के सदस्य विभिन्न बैंकों के सीएसपी व अलग-अलग बैंक खातों के जरिए रुपये ट्रांसफर करता था। छानबीन में तकरीबन 90 बैंक खातों का पता चला है। इनमें रंगदारी की रकम ट्रांसफर किए गए हैं। गिरोह के किंगपिन सद्दाम के पास रुपये का पूरा लेखाजोखा रहता था।

राशि को कहां किसके पास कितना भेजना है यह कार्य महिला नरगिस बानो के जिम्मे था। पिछले छह माह में गिरोह द्वारा तकरीबन 300 ट्रांजेक्शन किए गए हैं। सभी ट्रांजेक्शन का पुलिस ने विभिन्न बैंक से पता लगाया है। गिरोह द्वारा कुछ ट्रांजेक्शन और भी हुए हैं, जिसका पता पुलिस लगा रही है।

गिरफ्तार गुर्गों के स्वजन को करता था आर्थिक मदद

गिरोह में शामिल अपराधियों के स्वजनों को प्रिंस खान आर्थिक मदद करता था। यह बात गिरफ्तार मो. सद्दाम के बयान से हुआ है। दरअसल, प्रिंस खान के लिए गोली चलाकर दहशत फैलाने वाले जितने अपराधियों को पुलिस पहले गिरफ्तार कर जेल भेजी है, सभी के स्वजनों को प्रिंस खान प्रत्येक महीने आर्थिक मदद भेजता था। यही वजह है कि पुलिस की लगातार दबिश के बावजूद उसके गिरोह में तीन दर्जन से अधिक सदस्य सक्रिय हैं।