निकाय चुनाव के दौरान कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर यूपी पुलिस ने अपनी कार्ययोजना बना ली है। चुनाव के दोनों चरणों में एक लाख से अधिक पुलिसकर्मी मुस्तैद रहेंगे और उनके साथ 49,152 होमगार्ड जवान भी सुरक्षा-प्रबंध संभालेंगे। संवेदनशील स्थलों पर 110 कंपनी पीएसी भी मुस्तैद रहेगी। डीजीपी मुख्यालय ने शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए केंद्र सरकार से 70 कंपनी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल भी मांगा गया है।

स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए हर स्तर पर कड़े प्रबंध सुनिश्चित कराए जा रहे हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस संयुक्त रूप से सभी मतदान केंद्रों व मतदेय स्थलों का सत्यापन करायेगी। सभी जिलों में पिछले चुनावों के दौरान हुई हिंसात्मक घटनाओं में शामिल रहे आरोपितों के विरुद्ध प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित कराने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। सं

गठित अपराधियों के विरुद्ध गैंगेस्टर, रासुका व गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई भी आरंभ की गई है। विशेषकर अवैध शराब के निर्माण व बिक्री पर प्रभावी रोक लगाने के साथ ही अवैध शस्त्रों की धरपकड़ तेज कराई गई है। जोन व रेंज स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को अवैध शराब तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई की मानीटरिंग का निर्देश दिया गया है।

लाइसेंसी शस्त्र धारकों का सत्यापन कराए जाने के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों के समन्वय से लाइसेंसी शस्त्र जमा कराए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। निर्वाचन के दृष्टिगत पीस कमेटी, संभ्रांत नागरिकों व धर्म गुरुओं की बैठकें कराने के साथ ही चेकिंग बढ़ाई जाएगी। संवेदनशील बूथों को भी नए सिरे से सूचीबद्ध कराया जा रहा है, जिससे वहां अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराए जा सकें। निर्वाचन के संबंध में प्राप्त शिकायतों का भी समयबद्ध निस्तारण कराया जाएगा।

पिछले चुनाव से इस बार 20 प्रतिशत अधिक मतदान केंद्र निकाय चुनाव में कुल 13757 मतदान केंद्रों तथा 43263 मतदेय केंद्रों पर पुलिस का कड़ा पहरा होगा। वर्ष 2017 में हुए निकाय चुनाव की तुलना में इनकी संख्या 20 प्रतिशत अधिक है।