नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में इंडिया महागठबंधन में चल रही खटपट की आवाजें बाहर भी सुनाई देने लगीं हैं। फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कान्फ्रेंस द्वारा कश्मीर की तीन लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के एकतरफा फैसले के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भड़क गई हैं। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधते हुए कहा कि गुपकार डिक्लेरेशन को मजाक बनाकर रख दिया गया है। गुपकर घोषणापत्र (पीएजीडी) पांच राजनीतिक दलों का गठबंधन है, जो जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली की मांग कर रहा है। केंद्र ने 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था। यहां पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस का फैसला निराशाजनक और जम्मू-कश्मीर के लोगों की उम्मीदों को झटका है। 
जब मुफ्ती से पूछा गया कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस के फैसले का मतलब गठबंधन का टूट जाना है, पीडीपी प्रमुख ने कहा, उमर (अब्दुल्ला) ने खुद कहा है कि पीडीपी गठबंधन से बाहर है। आप देख सकते हैं कि किसने गठबंधन तोड़ा है। हमने नहीं तोड़ा। यह एक अनोखा गठबंधन था, इसे टूटते हुए देखना निराशाजनक है। उन्होंने पीएजीडी को मजाक में बदल दिया है। बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा था कि कश्मीर घाटी की तीन सीटों पर वह चनाव लड़ेगी और कांग्रेस जम्मू रीजन की दो सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे। पार्टी ने यह भी कहा था कि लद्दाख की सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच सहमति बनाई जाएगी। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उनसे सलाह की थी तो घाटी की सीट भी वह छोड़ देतीं। पीडीपी चीफ ने कहा, मुझे निराशा हुई क्योंकि फारूक अब्दुल्ला हर छोटी बात पर भी हमसे बात करते थे। लेकिन आज इतना बड़ा फैसला ले लिया गया और पीडीपी कहीं गठबंधन में है ही नहीं। अगर फारूक अब्दुल्ला एकता के लिए मुझसे समझौता करने को कहते तो मैं उनकी बात मान लेती। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस का यह फैसला जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए घाटे का सौदा है।