भोपाल ।   राजीव गांधी प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार का इस्तीफा गुरुवार को मंजूर कर लिया गया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय की कम्प्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रोफेसर रूपम गुप्ता को प्रभारी कुलपति बनाया गया है। यूनिवर्सिटी में करोड़ों का लेनदेन जांच के दायरे में है। आरजीपीवी के कुलपति डॉ. सुनील कुमार ने बुधवार को राजभवन पहुंच कर अपना इस्तीफा दे दिया। सरकार ने कुलपति को हटाने के पहले ही संकेत दिए थे। यूनिवर्सिटी में करोड़ों रुपए के लेनदेन में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। इसमें यूनिवर्सिटी के पैसे निजी खातों में ट्रांसफर करने के भी आरोप है। इस मामले में कुलपति, रजिस्ट्रार समेत पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, राज्य स्तरीय कमेटी को जांच का जिम्मा सौंपा है। इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने यूनिवर्सिटी में धरना दिया था। इसके बाद सरकार ने मामले को गंभीरता से लेकर जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज की गई। 

यूनिवर्सिटी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जांच में कई अधिकारी आएंगे। दरअसल यूनिवर्सिटी में आर्थिक लेनदेन के लिए कई कमेटियां बनाई गई थी। अब उन कमेटियों में शामिल सदस्यों पर भी सवाल खड़े हो रहे है। ऐसे में साफ है कि एफआईआर में संख्या आने वाले समय में बढ़ेगी। यूनिवर्सिटी में एबीवीपी ने करोड़ों रुपए की गड़बड़ी के आरोप लगाए है। अभी मामला जांच में है। हालांकि तीन सदस्यीय जांच रिपोर्ट में 19.48 करोड़ रुपए नीजि खातों में ट्रांसफर होने की बात सामने आई है। इस मामले में कुलपति, पूर्व रजिस्ट्रार,  दलित संघ सुहागपुर समेत अन्य पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जिनके हस्ताक्षर से चेक साइन कर निजी खातों में राशि ट्रांसफर की गई है।