जयपुर। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा का चुनाव क्यों लड़ाया गया। इसकी वजह अब पूरा देश जान चुका है। कांग्रेस को अंदेशा हो गया था कि किसी और राज्य से अगर सोनिया गांधी को राज्यसभा का चुनाव लड़ाया गया तब खेला हो सकता है। कांग्रेस का शक सही निकला। हिमाचल प्रदेश में वैसा ही हुआ जिसका संदेह था। हिमाचल में कांग्रेस के 6 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की। हिमाचल में बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस के प्रत्याशी को राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। अगर सोनिया गांधी हिमाचल प्रदेश से प्रत्याशी होती तब उन्हें भी हार का सामना करना पड़ता। पहले चर्चा थी कि राजस्थान या हिमाचल प्रदेश से सोनिया गांधी को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा क्योंकि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस के पास बहुमत है और सोनिया गांधी चुनाव जीत कर राज्यसभा पहुंच जाएगी। बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को लगा कि हिमाचल प्रदेश में गड़बड़ी हो सकती है, क्योंकि सुखविंदर सुक्खू को मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस के कई विधायक नाराज चल रहे थे। इस स्थिति को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने समय रहते भांप लिया और सोनिया गांधी को राजस्थान से चुनाव लड़ाने का फैसला किया। राजस्थान में सोनिया गांधी को चुनाव जीतने के लिए 51 वोटों की जरूरत थी और विधानसभा में कांग्रेस के 70 विधायक हैं। 19 विधायक ज्यादा होने के कारण यहां की सीट सोनिया गांधी के लिए सबसे सुरक्षित मानी गई थी।
कांग्रेस अगर जरा भी रिस्क ले लेती तब कांग्रेस के लिए आज का दिन बहुत बुरा दिन साबित होता। हालांकि कांग्रेस देश के कई राज्यों में सिमटती जा रही है लेकिन गांधी परिवार की साख बनाए रखने के लिए सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजना जरूरी था। अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा के चलते कांग्रेस के उतने विधायक थे जिससे सोनिया गांधी की जीत सुनिश्चित थी।