जयपुर. खनन-बजरी माफिया मेघराज सिंह के ठिकानों पर बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय का छापा डला. राज्य सभा चुनावों के बीच एकाएक प्रवर्तन निदेशायल की टीम ने दिल्ली, जयपुर, उदयपुर सहित कई ठिकानों पर कार्रवाई जारी है. इसके अलावा ईडी ने टोंक, सवाईमाधोपुर ऑफिस और साइट पर रेड की है. अधिकारिक सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार खनन क्षेत्र में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामलों मनी लॉन्ड्रिंग की जांच को लेकर ये कार्रवाई की जा रही है. छापेमारी धनशोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गई है.

जयपुर में 200 फीट बायपास के पास ऑफिस, वैशाली नगर स्थित मेघराज आवास, पानीपेच चौराहे के पास बजरी ऑफिस पर रेड की गई है. वहीं, टोंक, भरतपुर, सवाई माधोपुर की साइट पर भी ईडी की टीमों ने छापा मारा. साथ ही उदयपुर में भी तीन जगहों पर सर्च अभियान चल रहा है. ईडी की इस कार्रवाई से कारोबारियों में हड़कंप मच गया है.

कौन हैं मेघराज सिंह?
बता दें कि साल 2020 राजनीतिक संकट के समय मेघराज सिंंह के जैसलमेर स्थित सूर्यगढ़ होटल में कांग्रेस नेताओं को ठहराया गया था. अब तक इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी की छापेमारी के दौरान मेघराज सिंह नहीं मिले. हालांकि ईडी के अधिकारियों ने उन्हें परिवार से बुलाने को कहा है. पर अभी तक वे ईडी के सामने नहीं आए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी के पास जानकारी है कि ये लोग खान विभाग के अधिकारियों को कैश में रिश्वत दिया करते थे. किसी भी प्रकार का रिश्वत का पेमेंट ऑनलाइन नहीं होता था. ग्रुप के कुछ लोग खनन विभाग में संविदा पर काम कर रहे हैं, जो विभाग की सभी गतिविधियों के बारे में समय-समय पर ग्रुप को अपडेट किया करते थे.

1500 करोड़ की गड़बड़ी का अनुमान
नदी से बजरी कितनी उठ रही है, खनन विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर इसकी जानकारी में गड़बड़ी की जा रही थी. कुल 1500 करोड़ की गड़बड़ी का अनुमान है. साथ ही ईडी को सूचना मिली है कि जो भी इनके पास लीज है. इन लोगों ने सरकार से कम दामों में अपनी फर्म के नाम करवा ली थी. इसके आधार पर सरकार को भी करोड़ों का नुकसान हुआ था, लेकिन इनकी कम्पनी को बड़ा फायदा हुआ था.