लखनऊ । आगामी फरवरी में प्रस्तावित आरक्षी नागरिक पुलिस भर्ती परीक्षा 2023 के लिए योगी सरकार पुख्ता तैयारियों में जुट गई है। सीएम योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों के साथ उनकी क्षमता के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रस्ताव के तहत सरकार करीब 6.5 हजार परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन कर सकती है। इन परीक्षा केंद्रों की कुल क्षमता 31.75 लाख से भी ज्यादा होगी। परीक्षा केंद्रों का चयन आधारभूत मानकों पर किया जाएगा। साथ ही परीक्षा भवन संबंधी मानकों पर खरे उतरने वाले केंद्रों को ही अंतिम सूची में शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने हाल ही में 60 हजार से अधिक पदों के लिए आरक्षी नागरिक पुलिस भर्ती परीक्षा 2023 का नोटिफिकेशन जारी किया है। 18 फरवरी को परीक्षा प्रस्तावित है।  
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा परीक्षा केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया में कुल 6484 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता 31.75 लाख से अधिक है। जोन में 4844 तो कमिश्नरेट में 1640 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं। जोन की बात करें तो सर्वाधिक 832 परीक्षा केंद्र लखनऊ में होंगे, जिनकी कुल क्षमता 4 लाख से ज्यादा है। बरेली में 741 परीक्षा केंद्र (कुल क्षमता 3.43 लाख से अधिक), गोरखपुर में 699 (कुल क्षमता 3.49 लाख से अधिक), वाराणसी में 647 (कुल क्षमता 3.47 लाख से अधिक), आगरा में 540 (कुल क्षमता2.61 लाख से अधिक), कानपुर नगर में 527 (कुल क्षमता 2.31 लाख से अधिक),मेरठ में 464 (कुल क्षमता 2.39 लाख से अधिक) और प्रयागराज में 394 (कुल क्षमता 1.94 लाख से अधिक) परीक्षा केंद्र प्रस्तावित हैं। वहीं कमिश्नरेट में सर्वाधिक 488 परीक्षा केंद्र प्रयागराज में प्रस्तावित हैं जिनकी कुल क्षमता 2.25 लाख से अधिक है। इसी तरह कानपुर नगर में 271 (कुल क्षमता 1.05 लाख से अधिक), आगरा में 261 (कुल क्षमता 1.23 लाख से अधिक), वाराणसी में 237 (कुल क्षमता 1.29 लाख से अधिक), लखनऊ में 148 (कुल क्षमता 1.05 लाख से अधिक), गाजियाबाद में 127 (कुल क्षमता 58 हजार से अधिक) और गौतमबुद्धनगर में 108 (कुल क्षमता 53 हजार से अधिक) परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं।   
सभी परीक्षा केंद्रों को आधारभूत मानकों पर खरा उतरने के बाद ही हरी झंडी दी जाएगी। इसमें परीक्षा केंद्र का प्रकार यानी केंद्र शासकीय है या शासकीय सहायता प्राप्त है या फिर निजी के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा। वहीं केंद्र का पिछला प्रदर्शन भी देखा जाएगा, जिसमें पूर्व में आयोजित परीक्षाओं में यदि कोई प्रतिकूल तथ्य प्रकाश में आया होगा या फिर विद्यालय संदेहास्पद होगा तो ऐसे संस्थानों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त इन केंद्रों में विगत 3 वर्षों में विभिन्न चयन आयोगों द्वारा आयोजित परीक्षाओं का विवरण भी देखा जाएगा। कोचिंग संस्थानों को परीक्षा केंद्र के रूप में चयनित नहीं किया जाएगा। परीक्षा केंद्रों का वर्गीकरण भी किया गया है। इसमें श्रेणी ए में निर्धारित मानकों को पूर्ण करने वाले एवं शहर के अंदर, नजदीक स्थित सभी शासकीय विद्यालयों को रखा गया है। वहीं, श्रेणी बी में निर्धारित मानकों को पूर्ण करने वाले एवं शहर के अंदर या नजदीक स्थित सभी शासकीय वित्तपोषित विद्यालयों को रखा गया है। श्रेणी सी में निर्धारित मानकों को पूर्ण करने वाले एवं शहर के अंदर या नजदीक स्थित प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त निजी एवं मिशनरीज विद्यालय, सीबीएसई, आईसीएसई विद्यालय, महाविद्यालय, तकनीकी विद्यालय एवं विश्वविद्यालय शामिल हैं। श्रेणी डी में संदिग्ध विद्यालय, संस्थान जो किसी भी आयोग, बोर्ड द्वारा प्रतिचारित हुए हों को रखा गया है, जिन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। 
बोर्ड द्वारा परीक्षा भवन संबंधी मानक भी तय किए गए हैं। इनमें परीक्षार्थियों के बैठने की क्षमता एवं कक्षों की संख्या के साथ परीक्षा केंद्रों में बाउंड्रीवाल एवं गेट अनिवार्य है। परीक्षा हॉल, मेन गेट समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगा होना चाहिए। इसके अलावा परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे से युक्त एक अलग कक्ष अनिवार्य है। साथ ही परीक्षा केंद्र के करीब वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी होनी चाहिए। पीने के पानी की व्यवस्था एवं महिला व पुरुष अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था होगी। अधिक क्षमता के परीक्षा केंद्रों को प्रशासनिक सुविधा के लिए खंडों में विभाजित किए जाने की व्यवस्था भी होगी। परीक्षा केंद्र की कोषागार, रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड से दूरी भी मानकों में शामिल है। परीक्षा केंद्र तक आवगमन के लिए भी मानक निर्धारित किए गए। इसके अनुसार परीक्षा केंद्र भीड़-भाड़ वाले गली-कूचों, व्यवसायिक संस्थानों तथा पानी के जमाव वाले स्थानों पर नहीं होने चाहिएं। परीक्षा की व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक मुख्य नोडल अधिकारी होंगे। वहीं, अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस उपायुक्त या अपर पुलिस अधीक्षक सहायक नोडल अधिकारी होंगे।