अयोध्या। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के करकमलों से प्रभु अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो रहे हैं। 500 वर्षों का इंतजार समाप्त होने जा रहा है। प्रभु के आगमन से पहले प्रधानमंत्री का सपना था कि अयोध्या को दुनिया की सुंदरतम नगरी के रूप में स्थापित करेंगे। जिस भव्यता के साथ पीएम का स्वागत अयोध्यावासियों ने किया है, यह नए भारत की नई अयोध्या का दर्शन कराता है। 
शनिवार को अयोध्या में आयोजित जनसभा को मुख्यमंत्री योगी ने संबोधित किया। सीएम ने उप्र व अयोध्या के विकास के लिए हजारों करोड़ की परियोजना के लिए यूपीवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए आभार जताया। सीएम ने बाल रामलला की मूर्ति प्रधानमंत्री को भेंट की। सीएम ने कहा कि अयोध्या बेहतरीन फोरलेन, सिक्स लेन व आठ लेन के रोड मार्ग से जुड़ा है। इसका उद्घाटन पीएम के करकमलों से होने जा रहा है। रेल की बेहतरीन सुविधा, नए रेलवे स्टेशन के साथ-साथ वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ और अमृत भारत के नाम पर दो नई ट्रेन पीएम ने प्रभु राम की जन्मभूमि अयोध्या से माता सीता के प्रकटीकरण स्थल सीतामढ़ी से जोड़ने के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। भगवान राम त्रेता में पुष्पक विमान से अयोध्या आए होंगे, आज प्रधानमंत्री ने उद्घाटन कर अयोध्या को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उपहार अयोध्वासियों को दे दिया। 
सीएम ने कहा कि यह वही अयोध्या है, जहां आने की बात तो दूर, नाम लेने में भी लोग संकोच करते थे। सबसे अधिक बार अयोध्या आने वाले प्रधानमंत्री का रिकॉर्ड मोदी जी के नाम पर बन गया है। उत्तर प्रदेश व अयोध्या जैसे विरासत से जुड़ी नगरियों को नई पहचान मोदी जी के कारण संभव हो पाया है। आज प्रधानमंत्री 22 जनवरी से पहले विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी से जुड़ी अयोध्या को बेहतरीन सुविधाओं से संपन्न कर रहे हैं। सीएम ने आभार जताते हुए कहा कि प्रभु राम से इस लोक का मिलन कराने वाले त्रिकालदर्शी ऋषि महर्षि वाल्मीकि जी के नाम पर इस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का नाम प्रधानमंत्री ने किया है। रामायण को लौकिक रूप से हम सब तक पहुंचाने वाले पहले ऋषि महर्षि वाल्मीकि हैं। उनके नाम से अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नामकरण भारत के अंदर भारत की परंपरा व विरासत पर गौरव की अनुभूति कराने वाला क्षण है। सीएम ने कहा कि आगामी समय में हम सब अपने दायित्वों का निर्वहन कर पाएंगे। अयोध्या में 22 जनवरी के बाद अतिथि देवो भव का नया अनुभव देश-दुनिया को कराना है। उन्होंने विश्वास जताया कि हम सब पूरी तैयारी के साथ 22 जनवरी के कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत उसी तत्परता व जोश-खरोस से कर पाएंगे।