जयपुर। राजस्थान,मप्र और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने जिन्हे मुख्यमंत्री मनोनीत किया है,वे सभी नाम चौंकाने वाले हैं। ऐन वक्त तक अपने नाम का इंतजार करने वालों को झटका उस वक्त लगा जब उन्हे किसी दूसरे के नाम की पर्ची थमाते हुए कहा गया कि आप इनके नाम का प्रस्ताव रख दें। इससे भी चार कदम आगे राजस्थान निकला जहां वसुंधरा समर्थक विधायकों को यह कहकर चुप करा दिया गया कि आपको सिर्फ ताली बजानी है। नाराज विधायकों ने भी पलटवार करते हुए साफ शब्दों में कह दिया कि अब हम तालियां बजाने के लायक ही बचे हैं।
दरअसल केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक से पहले विधायकों से मुलाकात की थी। इस दौरान मौजूद नेताओं का कहना है कि करीब तीन दर्जन विधायकों ने लोकसभा चुनाव और प्रदेश की बिगड़ी आर्थिक हालत को देखते हुए वसुंधरा को सीएम बनाने की पैरवी की थी। इस पर राजनाथ सिंह ने उनसे कहा कि बैठक में वसुंधरा जिस नाम का प्रस्ताव रखें, उस पर आपको ताली बजानी है। तभी किसी ने धीरे से कह दिया कि,हम इसी के लायक बचे हैं। 3 दिसंबर को घोषित हुए नतीजों के 9 दिन के बाद राजस्थान में सीएम के चेहरे की घोषणा की गई। इससे पहले सीएम पद को लेकर सबसे अधिक चर्चा वसुंधरा राजे के नाम की थी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल के नाम भी सीएम की रेस में शामिल थे। हालांकि, मोदी और शाह की जोड़ी ने फिर से चौंकाया और भजन लाल शर्मा को राजस्थान की कमान सौंपी गई।
बता दें कि मप्र और छत्तीसगढ़ की तरह बीजेपी ने राजस्थान में भी चौंकाते हुए फैसला लिया। बीजेपी विधायक दल की बैठक में भजन लाल शर्मा के नाम की घोषणा की गई। पार्टी नेताओं की मानें तो वसुंधरा राजे की पैरवी करने वालों से कहा गया था कि आपको ताली बजानी है। राजनाथ सिंह ने बैठक से पहले विधायकों से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले भजन लाल शर्मा पहली बार जयपुर की सांगानेर सीट से विधायक बनें हैं। जब विधायक दल की बैठक में भजन लाल के नाम का एलान किया गया। उनका नाम सुनकर हर कोई हैरान रह गया। पार्टी नेताओं की मानें तो वसुंधरा राजे की पैरवी करने वालों से कहा गया था कि आपको ताली बजानी है।