भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली प्रचंड जीत और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी को मिली करारी हार के कई कारण गिनाए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हार के कारणों की तलाश के लिए कल यानी मंगलवार पांच दिसंबर को सभी हारे हुए 164 कांग्रेस प्रत्याशियों को भोपाल बुलाया है। कल श्यामला हिल्स स्थित कमलनाथ के निवास पर आयोजित बैठक में जीते हुए उम्मीदवारों के साथ हारे हुए प्रत्याशियों को भी आमंत्रित किया गया है। कमलनाथ का फोकस इस पर रहेगा कि आखिर इतनी बड़ी तैयारी, तीन-तीन सर्वे के बाद टिकटों का वितरण किया गया था, फिर भी कांग्रेस को इतनी करारी हार क्यों मिली।

प्रत्याशी बताएंगे क्यों हारे

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला कल मंगलवार को कमलनाथ के निवास पर विधानसभा का चुनाव हारे कांग्रेस के सभी 164 उम्मीदवारों से पूछेंगे कि आखिर किन कारणों से विधानसभा में हार मिली। कांगे्रस प्रत्याशी जनता के मूड, मौजूदा परिस्थितियों, पार्टी के नेताओं के सहयोग, भितरघाट, भाजपा की लहर सहित अन्य मुद्दों को लेकर अपना पक्ष कमलनाथ और सुरजेवला के समक्ष रखेंगे।

विश्वास नहीं हो रहा ऐसी हार क्यों हुए

कांग्रेस पार्टी के अंदरखाने की मानें तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक को भी यह भरोसा नहीं हो रहा कि मध्यप्रदेश में इतनी बड़ी हार पार्टी की हुई है। कांग्रेस मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त थी। कांगे्रस पार्टी यह मानकर चल रही थी कि छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश में उसकी सरकार बनने जा रही है। मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर पोस्टर तक लगा दिए गए थे, लेकिन पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज चुनाव हारे

गौरतलब है कि कमलनाथ की सरकार में मंत्री रहे और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा, कमलेश्वर पटेल, विजय लक्ष्मी साधौ, पीसी शर्मा, सुखदेव पांसे जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस के अधिकांश पूर्व मंत्रियों को ऐसे नेताओं ने चुनाव हराय है जो पहले कोई बड़ा चुनाव नहीं जीते थे। पीसी शर्मा और कमलेश्वर पटेल को तो हराने वाले पहली बार विधायक बन रहे हैं।

कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे या नहीं स्पष्ट नहीं

इधर कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बने रहने पर फिलहाल संशय बना हुआ है। हालांकि सूत्रों की मानें तो आगामी छह माह के अंदर देश में लोकसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए कमलनाथ लोकसभा चुनाव तक प्रदेश अध्यक्ष बने रह सकते हैं। हालांकि अब नेता प्रतिपक्ष किसे बनाया जाएगा इसको लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। कांग्रेस के वर्तमान नेता प्रतिपक्ष चुनाव हार गए हैं, लेकिन दो बाद नेता प्रतिपक्ष रह चुके पूर्व मंत्री अजय सिंह राहुल भैया चुनाव जीत गए हैं।वहीं पूर्व मंत्री और पूर्व उप नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन भी चुनाव जीत गए हैं।