झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर बवाल मचा हुआ है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कथित जमीन घोटाले के मामले में कई आरोपियों को जेल में बंद कर रखा है। जेल में बंद कई आरोपियों ने आरोप लगाया है कि ईडी उनके खिलाफ कथित रूप से साजिश रच रही है। मामले में गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या जेल में बंद कथित आरोपियों के आरोपों पर राज्य सरकार से रिपोर्ट साझा करेगी।  

बता दें, आरोपियों की शिकायत पर ध्यान देते हुए हाईकोर्ट ने आठ नवंबर को ईडी को आदेश दिया था कि आप मामले की जांच और सील बंद कवर में आरोपों की रिपोर्ट सौंपे। मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन ने इस रिपोर्ट को देखा और वापस एजेंसी को वकील को दे दिया। कोर्ट ने वकील से पूछा कि क्या एजेंसी यह रिपोर्ट राज्य सरकार के अधिकारियों से साथ साझा कर सकती है। 

मामले की अब अगली सुनवाई 15 दिसंबर को तय की गई है। इसी दिन ईडी अदालत को बताएगी कि वे रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकते हैं या नहीं। एजेंसी की मानें तो यह रिपोर्ट बेहद संवेदनशील है, क्योंकि इसमें उसमें उनके अधिकारियों की जांच और निष्कर्ष शामिल है। बता दें, ईडी ने तीन नवंबर को रांची जेल में तलाशी ली थी, उन्हें शक था कि एक जमीन घोटाले मामले में गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की साजिश रची जा रही है। छापेमारी के दौरान मिले सबूतों के आधार पर एजेंसी ने जेल के तीन अधिकारियों को तलब किया है, जिसमें बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल के अधीक्षक हामिद अख्तर, जेलर नसीम और हेड क्लर्क दानिश शामिल हैं। 

बता दें, इसी मामले में ईडी ने 14-15 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं। छवि पहले राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थीं।