पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक विवादित टिप्पणी ने सियासी हलचल मचा दी है। नीतीश ने बिहार की प्रजनन दर बोलते हुए जिस भाषा का उपयोग किया वो सभी को चौंकाने वाली है। विरोधी दलों ने बिहार के मुख्यमंत्री की चौतरफा घेराबंदी कर दी है। मामले को बढ़ता देख राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मोर्चा संभाला और नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्रीजी की बातों का गलत अर्थ न निकालें वे सेक्स एजुकेशन से जुड़ी बात कर रहे थे। 
नीतीश के बयान की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना होने के तुरंत बाद तेजस्वी यादव ने कहा, मुझे कुछ स्पष्ट करने दीजिए। तेजस्वी ने कहा, मुख्यमंत्री जो कुछ भी कह रहे थे वह यौन शिक्षा के बारे में था। लोग इस विषय पर झिझकते हैं, लेकिन यह स्कूलों में पढ़ाया जाता है - विज्ञान, जीव विज्ञान में, बच्चे इसे सीखते हैं। उन्होंने कहा कि जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए व्यावहारिक रूप से क्या करने की आवश्यकता है। इसे गलत तरीके से नहीं, बल्कि यौन शिक्षा के तौर पर लिया जाना चाहिए।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो बयान में कहा,नीतीश कुमार ने लोकतंत्र की गरिमा और मर्यादा को तार-तार कर दिया है, उनका बयान सड़क किनारे घूमने वाले की तरह है और महिला विरोधी है। विधानसभा में ऐसा बयान देना बहुत शर्मनाक है। ऐसा लगता है कि वह मानसिक रूप से बीमार हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और तुरंत एक डॉक्टर से परामर्श लें,इस मसले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने मांग की है कि मुख्यमंत्री माफी मांगें। आयोग ने एक्स पर पोस्ट किया,राष्ट्रीय महिला आयोग, महिलाओं की प्रजनन क्षमता और शिक्षा के संबंध में विधानसभा में नीतीश कुमार द्वारा दिए गए हालिया बयानों और इसे देश की जनसंख्या से जोड़ने की कड़ी निंदा करता है। इसमें कहा गया है,इस तरह की टिप्पणियां न केवल प्रतिगामी हैं बल्कि महिलाओं के अधिकारों और विकल्पों के प्रति बेहद असंवेदनशील भी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री को इन बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए देश भर की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि नीतीश कुमार का बयान किसी गली के लफंगों जैसा है। ऐसा लगता है वह मानसिक रूप से बीमार हैं। उन्हें इस्तीफा देकर तत्काल डॉक्टर से मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपने तर्क देते हुए कई आंकड़े बताए। उन्होंने कहा कि राज्य में 6 वर्ष से छोटे बच्चों की संख्या 2011 में 18.46% था, जो घटकर 13. 6% रह गया है। बिहार में पिछले साल प्रजनन दर 2.9% पर पहुंच गया है, जो पहले 4.3% हुआ करता था। जनसंख्या नियंत्रण में बड़ी भूमिका बालिका शिक्षा की है। यही कारण है कि राज्य में बालिकाओं की शिक्षा पर हमने जोर दिया गया।
दरअसल मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी ये बताते हुए की कि बिहार की प्रजनन दर 4.2 से घटकर 2.9 प्रतिशत क्यों हो गई है। कुमार पर भाजपा ने कड़ा प्रहार किया है और भाजपा ने उन्हें राजनीति का सबसे अभद्र नेता करार दिया है। एक्स पर लिखा, भारतीय राजनीति में नीतीश बाबू जैसा अभद्र नेता आज तक नहीं हुआ, उनके दिमाग में बी ग्रेड एडल्ट फिल्मों के कीड़े घुसे हुए हैं. उनकी द्विअर्थी टिप्पणियों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. ऐसा लगता है कि वह जिस कंपनी से हैं, उससे बहुत प्रभावित हैं। भाजपा ने ट्वीट कर कहा, भला कोई इतना गंदा और नंगा हो सकता है क्या? बिहार विधानसभा के बाद विधान परिषद में महिला और पुरुष के संबंधों का घृणित और निकृष्ट शब्दों में पोस्टमार्टम करके नीतीश कुमार ने अपना चरित्र और चेहरा उजागर कर दिया। महिला सशक्तिकरण के नाम पर महिलाओं के प्रति अपनी घटिया सोच का साक्ष्य दिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने नीतीश कुमार के बयान पर टिप्पणी की है। 
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सीएम नीतीश के बयान की आलोचना करते हुए कहा, इस देश की प्रत्येक महिला की ओर से और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में, मैं नीतीश कुमार से तत्काल और स्पष्ट माफी की मांग करती हूं। विधानसभा में उनकी अमर्यादित टिप्पणी हर महिला की गरिमा और सम्मान का अपमान है, जिसकी हर महिला हकदार है. उनकी भाषा बहुत अपमानजनक और घटिया है। अगर कोई नेता लोकतंत्र में खुलेआम ऐसे बयान देता है तो आप कल्पना कर सकते हैं कि राज्य में महिलाओं की क्या स्थिति होगी। मैं इस बयान की निंदा करती हूं।
नीतीश बोले जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा जरुरी, माफी भी मांगी 
विधानसभा में मंगलवार को जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिए गए बयान पर सीएम नीतीश कुमार ने माफी मांगी हैं। उन्होंने कहा कि मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। मेरे मकसद सिर्फ शिक्षा के बाद जनसंख्या वृद्धि में आ रहे परिवर्तन को बताना था। नीतीश के बयान पर विधान परिषद में बैठीं भाजपा की महिला सदस्य निवेदिता सिंह फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने कहा कि आज वो शर्मसार हो गईं। इधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने बयान की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से माफी मांगने को कहा था।