निरसा दो के अंतर्गत कलियासोल प्रखंड क्षेत्र के लखियाबाद मध्य विद्यालय में इन दिनों पेयजल की घोर किल्लत है। इसकी वजह से बच्चे विद्यालय से करीब आधा किमी. दूर रोड पार करके रोज मध्याह्न भोजन खाने से पहले व बाद में एक गंदे तालाब के पानी में थाली धोने को मजबूर हैं। इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि इससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। प्रभारी प्रधानाध्यापक बबलू कुमार पाल ने इस संबंध में जिप सदस्य बसुंधरा पाल को एक आवेदन देकर पेयजल की घोर किल्लत से स्कूल को निजात दिलाने की गुहार लगाई है।

सात साल से पानी की समस्या

बबलू कुमार पाल ने बताया कि स्कूल में पानी की समस्या पिछले सात साल से है। इससे बच्चे व शिक्षक परेशान हैं। सात साल पहले विद्यालय से डेढ़ किमी. दूर स्थित अंकुर बायो केमिकल फैक्ट्री प्रबंधन पानी की समस्या को देखते हुए पाइप लाइन के माध्यम से स्कूल व ग्रामीणों को पानी मुहैया कराता था। हालांकि, फिर ग्रामीणों के बीच विवाद के कारण वह भी बंद हो गया। फिलहाल रोजना मध्याह्न भोजन बनाने के लिए गांव से पानी भर कर लाना पड़ता है। बच्चों को रोजाना मध्याह्न भोजन खाने से पहले एवं बाद में थाली धोने के लिए बगल में स्थित तालाब में जाना पड़ता है।

समस्या का क्या है समाधान?

इस समस्या के बारे में मुखिया, बीडीओ व डीएसई को भी आवेदन दिया गया है, लेकिन परिणाम शून्य है। विद्यालय में बनाए गए चापाकल वर्षों से खराब हैं। जमीन के नीचे पत्थर रहने के कारण इससे पानी नहीं निकलता है। इसका समाधान तभी होगा, जब विद्यालय के समीप नदी किनारे बोरिंग कर विद्यालय के लिए पानी की व्यवस्था की जाएगी।