बीजिंग । क्‍या चीन की सेना पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है ? यह सवाल इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। सबसे पहले चीन की सेना के शक्तिशाली रॉकेट फोर्स के वरिष्‍ठ अधिकारी की मौत की खबर आई और बाद में उसी यूनिट के कमांडर लापता हो गए। इसके बाद चीन से विदेश मंत्री भी गायब हुए हैं। यह सारा घटनाक्रम पिछले महीने ठीक उसी समय पर हुआ है, जब रूस में वैगनर समूह ने राष्‍ट्रपति पुतिन के खिलाफ असफल विद्रोह किया था। अब चीन के राष्‍ट्रपति ने खुद ही पूरे मामले में कमान संभाल ली है। उन्‍होंने रॉकेट फोर्स के नए प्रमुख की नियुक्ति की है। भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की सेना के अंदर आंतरिक कलह काफी बढ़ गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसियां चीन के घटनाक्रम पर करीबी नजर रखे हुए हैं। भारतीय एजेंसियों ने बताया कि वू गुओहुआ पीएलए के रॉकेट फोर्स में डेप्‍युटी कमांडर था और उसकी 6 जून को रहस्‍यमय परिस्‍थ‍ितियों में मौत हो गई थी। इस मौत को चीनी सेना ने दबा दिया और मौत के सही कारणों को नहीं बताया। इससे पीएलए के रॉकेट फोर्स के अंदर चल रहे उठापटक का संकेत मिला। चीन ने साल 2015 में अपनी रणनीतिक मिसाइल फोर्स का नाम पीएलए रॉकेट फोर्स कर दिया था।
रक्षा विश्‍लेषकों का कहना है कि यह यूनिट रणनीतिक और सामरिक मिसाइलों के जखीरे को संभालती है, जिसमें परमाणु मिसाइल भी शामिल है। चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का इरादा साल 2028 तक 1000 अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों को बनाने का है। वू की मौत के बाद उनके सीनियर और पीएलए के रॉकेट फोर्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ली यूचाओ को भी जून में आयोजित प्रमोशन समारोह से लापता पाया गया था। उनके लापता रहने से यह अटकलें शुरू हो गईं कि चीनी अधिकारी उनकी जांच कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि ली यूचाओ को अरेस्‍ट करके उनके खिलाफ जांच चल रही है। यह अटकल उस समय और तेज हो गई जब चीन के विदेश मंत्री किन गांग भी ठीक उसी समय लापता हो गए। कई लोग पीएलए के रॉकेट फोर्स में चल रहे संकट और चीनी विदेश मंत्री के लापता होने में कनेक्‍शन बता रहे हैं। चीन की सेना में पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल याओ चेंग ने बताया था कि रॉकेट फोर्स के वर्तमान कमांडर को उनके ऑफिस से ले जाया गया है। खबरों के मुताबिक ली यूचाओ का बेटा अमेरिका में पढ़ रहा है। जहां इस बात का डर सताया जा रहा है कि उसने चीनी सेना के सीक्रेट को बेच दिया है।
चीनी सेना के कई उच्‍चाधिकारियों को हिरासत में लिया गया है और उनके साथ पूछताछ चल रही है। चीनी सेना के रॉकेट फोर्स में भ्रष्‍टाचार की भी जांच चल रही है। चीनी सेना पर नजर रखने वाले एक भारतीय रक्षा अधिकारी ने कहा, ये सभी घटनाक्रम साफ तौर पर यह संकेत देते हैं कि पीएलए के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।