भोपाल । राजधानी के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के मुख्यालय में शराबखोरी के मामले में एक कर्मचारी को निलंबित कर महज रस्म अदायगी की गई है, जबकि महिला कर्मचारी से नाइट करवाने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।  मालूम हो कि यहां रात की पाली में महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, जबकि पुरुष वहीं शराब भी पी रहे थे। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ एक कर्मचारी को निलंबित कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई है। जबकि महिलाओं की रात में ड्यूटी लगाने वाले जिम्मेदार अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इधर, विभाग की संयुक्त नियंत्रक माया अवस्थी ने प्रयोगशाला प्रभारी संदीप विक्टर से जवाब तलब किया है। उन्होंने पूछा है कि शाम छह बजे के बाद महिला कर्मचारियों की ड्यूटी किसके आदेश से लगाई गई है। हालांकि वह इसका जवाब नहीं दे सके हैं। जानकारी के अनुसार प्रयोगशाला प्रभारी की कार्यप्रणाली को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। पूर्व में संयुक्त नियंत्रक अभिषेक दुबे ने संदीप विक्टर की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई थी। साथ ही उन्हें समय पर कार्यालय आने के निर्देश दिए थे। जब तक वह रहे, तब तक सब ठीक रहा, उनके जाते ही माहौल ज्यों का त्यों हो गया। कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि प्रभारी कभी भी समय पर नहीं आते हैं। उनका कार्यालय एक बजे के बाद ही खुलता है। यही कारण है कि न तो खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच समय पर होती हैं और न ही जिलों को रिपोर्ट समय पर जारी हो पाती है। मालूम हो कि 28 जुलाई को इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित हुआ था। इसमें खाद्य एवं औषधि विभाग मुख्यालय में तकनीकी सहायक लखन मदनेकर अपने साथियों के साथ शराब पार्टी कर रहे थे। जिस समय शराब पार्टी चल रही थी, उस समय महिला कर्मचारी लैब में नमूनों की जांच कर रही थी। अमूमन लैब में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को शाम छह बजे के बाद नहीं रोका जाता है, लेकिन प्रयोगशाला प्रभारी अधिकारी संदीप विक्टर ने इन्हें जांच पूरा करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान एक भी जिम्मेदार अधिकारी प्रयोगशाला में मौजूद नहीं था। इस बारे में खाद्य अधिकारी देवेंद्र वर्मा का कहना है कि कार्यालय में शराब पार्टी किए जाने का वीडियो सामने आया था। तकनीकी सहायक लखन मदनेकर को निलंबित किया गया है। साथ ही महिला कर्मचारियों को देर रात रोकने की भी जांच की जा रही है।