पूर्णिमा से पूर्णिमा तक चलने वाला सावन का पहला दो सोमवार बीत चुका है। अब दो सोमवार 17 अगस्त से 31 अगस्त के बीच आएगा। अब जो पखवाड़ा शुरू होने वाला है, उसमें अभी तक के श्रावणी मेला में होने वाली भीड़ का रिकार्ड टूटने की संभावना है।

दस लाख से अधिक कांवड़ियों के आगमन का अनुमान

इसका कारण खेती किसानी की अवधि पूरी होने की बात कही जा रही है। इस दौरान 10 लाख से अधिक कांवड़ियों के आने का अनुमान है। दो सोमवार को तीन लाख से अधिक के आने की संभावना अभी से लगायी जा रही है। पुरूषोत्तम मास के दूसरे सोमवार को लेकर प्रशासनिक तैयारी की गयी है। इस प्रबंध को नव पदस्थापित उपायुक्त विशाल सागर अधिकारियों की टीम के साथ मुआयना किया। दूसरी ओर नव पदस्थापित एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने निवर्तमान एसपी सुभाष चंद्र जाट के साथ मेला क्षेत्र का मुआयना किया। सावन के पहले सोमवार को एक लाख भक्तों ने पूजा अर्चना की। दूसरे सोमवार को यह भीड़ डेढ़ लाख से आगे निकल गई। इसके बाद पुरुषोत्तम मास शुरू हुआ और भीड़ घटने लगी। तीसरे सोमवार को 50 हजार के आसपास भक्त पहुंचे थे। यह सामान्य की श्रेणी में आता है। इसके बाद अब तक प्रत्येक दिन 30 हजार के करीब भक्त आ रहे हैं।

स्‍पर्श पूजा नहीं कर पा रहे भक्‍त  

इसका कारण यह रहा मलमास के समय स्पर्श पूजा होती रही है। यह पहला अवसर है, जब सावन के बीच में मलमास यानि की पुरूषोत्तम मास आ गया और शासन प्रशासन ने अरघा की व्यवस्था को रहने दिया। पुरुषोत्तम मास में बाबा को रोट चढ़ाने वाले उत्तर प्रदेश के ज्यादातर भक्त आ रहे हैं, लेकिन स्पर्श पूजा नहीं कर पा रहे। यह संदेश बिहार के राजगीर में लगे मेला तक पहुंचा और कई जत्था वहीं से लौट गया। इस बात की पुष्टि रायबरेली और झांसी से आए भक्तों ने की थी।