भोपाल।  चुनावी साल में मानसून की झड़ी के बीच प्रदेश की सडक़ें चकाचक होंगी। इसके लिए सरकार ने अतिरिक्त बजट का भी प्रावधान किया है। गौरतलब है कि मप्र में शिवराज सरकार ने सडक़ों का विशाल जाल बिछा दिया है। वहीं सरकार का फोकस इन सडक़ों के मेंटेंनेंस पर बराबर रहता है। इसी कड़ी में सरकार ने सडक़ों के कायाकल्प  करने के लिए नगरीय निकायों को भी निर्देशित कर दिया है। नई सडक़ों की सौगात देेने के साथ ही सरकार ने प्रदेश में खराब सडक़ों की स्थिति सुधारने के भी निर्देश दिए हैं। इसके लिए जल्द 400 करोड़ रुपए और दिए जाएंगे। यह राशि नगरीय निकायों को दी जाएगी। पिछले दिनों में विधानसभा में पारित अनुपूरक बजट में अभियान के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। अब इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा।  
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले साल सडक़ों की मरम्मत, रिन्यूअल के लिए कायाकल्प अभियान शुरू करने की घोषणा की थी। इस वर्ष फरवरी में सभी नगरीय निकायों की सडक़ों के लिए 750 करोड़ रुपए मंजूर किया था। हालांकि, इसमें से 350 करोड़ रुपए ही निकार्यों को जारी किया गया। बताया जा रहा है वित्त विभाग ने बाकी 400 करोड़ रुपए जारी होने पर पेंच फंसा रखा था। अब अनुपूरक बजट में अभियान का हेड (मद) खुल गया है। इसमें बाकी राशि 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
अभियान में डामर की सडक़ों का कार्य पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने 30 जून की समय सीमा तय की थी। स्पष्ट निर्देश दिए थे कि बारिश के पहले काम पूरा कर लिया जाए ताकि लोगों को परेशानी न हो। हालांकि, ऐसा हो नहीं पाया। राजधानी भोपाल के ही कुछ विधानसभा क्षेत्रों में डामर के कार्य नहीं हो पाए। प्रदेश के और भी नगरीय निकाय में ऐसी स्थिति है। बरसात के दौरान डामर नहीं किया जा सकता है। ऐसे में डामर की अच्छी सडक़ों के लिए लोगों को अगस्त-सितंबर तक इंतजार करना होगा। सीमेंट-कॉन्क्रीट रोड की स्थिति इससे अलग है। अभियान में सीसी सडक़ों के काम 30 अगस्त तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है। अधिकारियों के मुताबिक कुछ देर मौसम खुलने पर बारिश के सीजन में भी सीसी किया जा सकता है। इस कारण से ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। प्रदेश के 412 नगरीय निकायों के सडक़ कार्य अभियान में मंजूर किए गए है। इनके 1642 प्रोजेक्ट कायाकल्प मोबाइल एप्लीकेशन में दर्ज है। जानकारी के मुताबिक 250 से अधिक नगरीय निकाय वर्क ऑर्डर दे चुके है। वहीं 100 से ज्यादा में काम शुरू हो चुका है।
कायाकल्प अभियान के तहत सडक़ों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। काम की मॉनीटरिंग एवं क्वालिटी कंट्रोल के लिए तीन स्तरीय कमेटी बनाई गई है। प्रत्येक जिले में अर्बन स्टेट क्वालिटी मॉनीटर्स तैनात किए गए है। सभी संभागों में मोबाइल टेस्टिंग लैब बनाई गई है। सडक़ों के 100 से अधिक टेस्ट सैंपल लेकर लैब में जांच कराई गई है। कुछ की गुणवत्ता तय मानकों से कम मिलने पर सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं। डामर की सडक़ों के रिन्यूअल के लिए तीन साल और सीसी के लिए पांच साल का गारंटी पीरियड रखा गया है। राजगढ़ जिले की सुठालिया नगर परिषद में निर्माणाधीन सडक़ की गुणवत्ता ठीक न होने पर ठेकेदार नवीन सक्सेना को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। नगरीय प्रशासन कमिश्नर भरत यादव ने बताया कि काम में लापरवाही बरतने पर सब इंजीनियर निखिल कचनारिया पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है। प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने सीसी रोड निर्माण में अनियमितता की जांच के निर्देश दिए थे। इस पर नगरीय प्रशासन संचालनालय के अधीक्षण यंत्री ने 13 जुलाई को निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट पेश की थी। इसके आधार पर कार्रवाई की गई है।