मुंबई । महाराष्ट्र के शिवसेना और राकांपा के 43 विधायकों पर दल बदल कानून की तलवार लटकी हुई है। शिवसेना और राकापा के विधायकों ने विद्रोह करके नई पार्टी का गठन किया है। दोनों ही राजनीतिक दलों,में पार्टी पर कब्जे को लेकर चुनाव आयोग और न्यायालय में लड़ाइयां लड़ी जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिवसेना के 16 विधायकों पर विधानसभा अध्यक्ष जल्द निर्णय लेंगे। कुछ दिन पूर्व राकापा का अजित पवार गुट भी सरकार में शामिल हो गया है। शरद पवार राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस पद पर अजित पवार अपना दावा ठोक रहे हैं। वहीं शरद पवार ने 9 विधायकों पर दलबदल करने के कारण उन्हें हटा दिया है. शरद पवार ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनकी सदस्यता,दल बदल कानून के अंतर्गत खत्म करने की मांग की है।
 महाराष्ट्र के 43 आमदारों के बारे में अब विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय करना है। जिसको लेकर महाराष्ट्र क़ी राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई हैं। शरद पवार ने अपने सांसद प्रफुल्ल पटेल सुनील तटकरे और महाराष्ट्र सरकार में शामिल 9 विधायकों को पार्टी से निकाल दिया है। शिवसेना के 16 विधायक  और राकांपा के 27 विधायक चल बदल विरोधी कानून के दायरे में हैं।