गूगल को अमेरिकी राज्य वाशिंगटन से संबंधित एक वाद में वहां की सरकार को जुर्माना देना पड़ेगा। एटॉर्नी जनरल बॉब फर्ग्यूसन ने गुरुवार को कहा कि गूगल, वाशिंगटन स्टेट को 39.9 मिलियन डॉलर (लगभग 330 करोड़ रुपये) का भुगतान करेगा। अल्फाबेट की इकाई गूगल द्वारा उपभोक्ताओं को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।

ये निपटान समझौता उन दावों का समाधान निकालने की कोशिश करता है, जिसमें यह कहा गया था कि अमेरिकी यूजर्स के फोन और अन्य डिवाइस कि लोकेशन ट्रैक की जा रही है। Google पर आरोप है कि उसने लोगों को यह विश्वास दिलाने में धोखा किया कि वे उसके द्वारा 'कंट्रोल्ड' हैं और सर्चिंग के अलावा विज्ञापन कंपनियां उनके व्यक्तिगत डेटा का उपयोग करती है।

गोपनीयता पर उठा विवाद

वाशिंगटन राज्य के गवर्नर ने कहा है कि Google उस डेटा को एकत्र करने और उससे बेनिफिट लेने कि फिराक में था, लेकिन बाद में उसने उपभोक्ताओं की गोपनीयता को धता बताते हुए स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर इसकी ट्रैकिंग तकनीक को डिसेबल कर दिया।

किंग काउंटी सुपीरियर कोर्ट में बुधवार को दायर एक डिक्री में कहा कि Google को अपनी ट्रैकिंग प्रथाओं के बारे में अधिक पारदर्शी होने की आवश्यकता है। अमेरिकी अदालत ने कहा कि गूगल को चाहिए कि वे इस पॉलिसी को बताने वाले विस्तृत लोकेशन टेक्नोलॉजीज वेब-पेज भी नियम और शर्तों के रूप में दिखाएं।

क्या है मामला

गूगल इस मामले में पहले संलिप्तता से इनकार करता रहा। नवंबर में, Google 40 अमेरिकी राज्यों द्वारा इसी तरह के आरोपों को हल करने के लिए 391.5 मिलियन डॉलर (लगभग 3,240 करोड़ रुपये) का भुगतान करने पर सहमत हुआ।

वाशिंगटन सहित कुछ राज्यों ने ट्रैकिंग प्रक्टिसेस पर चिंता जताते हुए Google पर मुकदमा कर दिया। एरिजोना ने पिछले अक्टूबर में Google के साथ 85 मिलियन डॉलर (लगभग 703 करोड़ रुपये) का समझौता किया।