पंजाब में लगातार बढ़ती गर्मी ने गेहूं किसानों को चिंता में डाल दिया है। आमतौर पर फरवरी माह के दौरान तापमान में मामूली बढ़त दर्ज होती है, जो गेहूं की फसल को प्रभावित नहीं करती। हालांकि इस साल सर्दी के मौसम के दौरान भी तापमान में बहुत अधिक गिरावट न होने और बारिश की कमी का गेहूं के दानों के आकार पर बुरा असर पड़ने की आशंका है।

कपूरथला जिले के किसान परविंदर सिंह की तरह राज्य के अधिकांश गेहूं उत्पादक किसान इन दिनों चिंता में हैं। किसानों का कहना है कि इस फसल (गेहूं) को बहुत गर्म दिनों की जरूरत नहीं है। अगर तापमान कई दिनों तक सामान्य से ऊपर बना रहा तो यह गेहूं की फसल पर बुरा असर डाल सकता है।

गौरतलब है कि जहां पंजाब और हरियाणा में अधिकतम तापमान कई दिनों से सामान्य सीमा से ऊपर चल रहा है, वहीं न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि पिछले दो-तीन दिनों से न्यूनतम तापमान सामान्य के करीब बना हुआ है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां का कहना है कि 'तापमान में अचानक वृद्धि और कई दिनों तक जारी रहना अनाज की गुणवत्ता और उपज को प्रभावित कर सकता है।' उन्होंने यह भी कहा कि अच्छी बात यह है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट देखी गई है और सुबह ठंडक भरी है। फिर भी इस समय दोपहर के समय गर्म मौसम एक बड़ी चिंता है।'

पंजाब-हरियाणा में अभी हालात चिंताजनक नहीं
पंजाब के कृषि निदेशक गुरविंदर सिंह का कहना है कि अभी हालात चिंताजनक नहीं हैं। किसानों को जरूरत के अनुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी गई है। जिन किसानों के पास स्प्रिंकलर सिंचाई की सुविधा है, वे तापमान में और वृद्धि होने की स्थिति में दोपहर में 25-30 मिनट के लिए स्प्रिंकलर से अपने खेत की सिंचाई कर सकते हैं। जिन किसानों ने मल्चिंग विधि से गेहूं की बुआई की है, उन्हें तापमान में वृद्धि का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।