भगवान गणेश को समर्पित गणेश चतुर्थी का त्योहार आने वाला है और इसकी तैयारियां अब जोरों पर है. महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का महापर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.दस दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में शिव पुत्र गणेश की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है और आखिरी दिन उनका विसर्जन किया जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि इन दस दिनों में भगवान गणेश की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी से ही गणेश महोत्सव की शुरुआत हो जाती है. पहले दिन गणपति की स्थापना की जाती है और अगले दस दिन यानी अनंत चतुर्दशी तक गणेश पूजन किया जाता है. इसके बाद अनंत चतुर्दशी को गणपति जी का विसर्जन किया जाता है. इस साल गणपति विसर्जन 9 सितंबर को किया जाएगा.

गणेश चतुर्थी का कार्यक्रम (Ganesh Chatrurthi 2022)
इस साल गणेश चतुर्थी तिथि 30 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट से प्रारंभ होगी. 09 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी की मूर्ति विसर्जित की जाएगी. इन 10 दिनों के भीतर जोर-शोर के साथ गणेश उत्सव मनाया जाएगा. भगवान गणेश के भक्त 10 दिन तक उनकी पूजा-उपासना करेंगे. इस अवधि में कई खास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. आखिर में अनंत चतुर्दशी के दिन 'गणपति बप्पा मोरिया' के जयकारों के साथ एक भव्य रैली निकालेंगे और समुद्र तट पर गणेश विसर्जन करेंगे.

गणेश उत्सव की तिथि (Ganesh Chatrurthi 2022 Date and Time)
गणेश महोत्सव आरंभ- बुधवार, 31 अगस्त
अनंत चतुदर्शी (गणेश महोत्सव समापन)- शुक्रवार, 9 सितंबर 2022
गणेश विसर्जन- शुक्रवार, 9 सितंबर

गणेश पूजन की विधि (Ganesh Chatrurthi 2022 Pujan Vidhi)
गणेश चतुर्थी पर सुबह-सुबह स्नानादि करने के बाद भगवान गणेश की पूजा करें. इस दिन पीले रंग के साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें. इसके बाद भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें. गणपति का गंगाजल से अभिषेक करें और उन्हें अक्षत, फूल, दूर्वा घास, मोदक आदि अर्पित करें. भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाएं और उनकी आरती उतारें. इस दिन गणेश के मंत्रों का जाप करना भी बहुत उत्तम माना जाता है.