भोपाल  राजाभोज की नगरी भोपाल में संस्कृतभारती मध्यभारत प्रांत एवं महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में “ नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 “ को दृष्टिगत रखते हुए दिनांक 12 - 13 मार्च 2022 को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ठेकड़ी भवन भारत माता मंदिर जवाहर चौक भोपाल में किया गया | जिस के उद्घाटन सत्र में  प्रमोद पंडित जी क्षेत्र संगठन मंत्री संस्कृत भारती मध्यक्षेत्र भोपाल,  भरत बैरागी  अध्यक्ष – “महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल” (राज्यमंत्री समकक्ष मध्यप्रदेश शासन) एवं  अशोक भदौरिया प्रांत अध्यक्ष संस्कृत भारती मध्य भारत भोपाल उपस्थित रहे | 
दो दिवसीय कार्यशाला में कुल 9 सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें संस्कृत भाषा को सर्वव्यापी बनाने के उद्देश्य से विभिन्न सत्रों में चिंतन मनन एवं कार्य योजना का निर्माण किया गया तथा  नीरज जी दीक्षित प्रांत संगठनमंत्री मध्यभारत  तथा प्रांतमंत्री डॉ दिवाकर शर्मा के द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार एवं कार्य विस्तार पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया |
 कार्यशाला के समापन सत्र में मुख्यातिथि   इंदरसिंह जी परमार “राज्यमंत्री स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल”  अध्यक्ष  रामप्रवेश दास जी महाराज गुफा मंदिर लालघाटी भोपाल, मुख्यवक्ता  भरत बैरागी अध्यक्ष महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल प्रांताध्यक्ष डॉ.  अशोक भदौरिया संस्कृतभारती मध्यभारत प्रांत तथा डॉ. दिवाकर शर्मा प्रांतमंत्री संस्कृतभारती मध्यभारत प्रांत उपस्थित रहे |
कार्यक्रम के समापन सत्र में डॉ. दिवाकर शर्मा द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला में हुए चर्चा सत्रों पर प्रास्ताविक भाषण दिया गया | आपने बताया कि संस्कृतभारती का कार्य विश्व के 23 देशों में भारत के सभी प्रदेशों में म.प्र. के सभी जिलों में है | कार्यक्रम के मुख्यवक्ता  भरत बैरागी जी द्वारा “संस्कृत कार्य में व्यक्ति एवं समाज की भूमिका” पर विशेष मार्गदर्शन प्रदान किया गया | आपने कहां कि संक्रमण काल में हमारा जन्म हुआ आपने स्वामी  विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि हम अच्छे समाज का निर्माण करना चाहते हैं तो संस्कार युक्त समाज का निर्माण करना होगा उस समाज का निर्माण संस्कृत से हह सम्भव है | कार्यक्रम के मुख्यातिथि माननीय मंत्री इंदरसिंह जी परमार ने अपने उद्बोधन में कहाँ कि आप जो संस्कृत का कार्य कर रहे हैं वह एक साधक का कार्य है हमारे देश में सोची समझी रणनीति के तहत हमारे गौरव को नष्ट करने का कार्य किया गया | आज हमारे विचारों के अनुरूप कार्य करने वाले लोग सरकार में हैं इसलिए हम सबको मिलकर कार्य करना है | कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी   रामप्रवेश दास जी ने संस्कृत कार्य में सभी प्रकार के  सहयोग की बात कही कार्यक्रम के अंत में संस्कृतभारती के प्रांतमंत्री डां. अशोक भदौरिया जी द्वारा आभार व्यक्त किया गया |