आज के दौर में कई सारे युवा क्रॉनिक बैक पेन की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. हालात ये हैं कि भारत का हर 5वां इंसान इसकी चपेट में हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, युवाओं में यह समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है. पिछले कुछ वर्षों में पीठ का दर्द बड़ा सोशल हेल्थ इशू बनकर उभरा है. पीठ का दर्द जब 3 महीने से ज्यादा समय तक रहता है तो यह क्रॉनिक की कैटेगरी में आ जाता है.

एक्सपर्ट भी इस बात को मानते हैं कि अब मरीजों के लिए बैक पेन एक बड़ी समस्या बन गया है. इससे प्रभावित मरीज तेजी से गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं. यह उनके आम और पेशेवर जीवन दोनों पर असर डालता है. चिंताजनक बात यह है कि इस बीमारी से ज्यादातर युवा प्रभावित हो रहे हैं. अब 30 या 40 साल की उम्र के लोग भी इस समस्या से घिरे हुए हैं. हालांकि, इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है यदि उपचार और व्यायाम को समय पर लागू किया जाए.

विटामिन डी की कमी बढ़ा रही समस्या

आधुनिक जीवनशैली में सूर्य की रोशनी से शरीर को अच्छी मात्रा में विटामिन डी नहीं मिलती है, जिससे कमर दर्द (बैक पेन) की समस्या हो सकती है. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए समय पर जांच कराना और उपचार कराना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही, जीवनशैली में सुधार करना भी जरूरी है, जैसे कि ध्यान रखना कि शरीर को पर्याप्त विटामिन डी और अन्य तत्व मिल रहे हैं, नियमित रूप से कसरत करना और स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान अभ्यास करना.