जयपुर। जयपुर बम विस्फोट मामले के आरोपित सलमान की जमानत याचिका शुक्रवार को जयपुर महानगर प्रथम न्यायालय ने खारिज कर दी।

जज नंदिनी व्यास ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा,

"जिस समय घटना हुई उस समय आरोपित की उम्र 18 साल से कम थी। कम उम्र में आरोपित आंतकवादी संगठनों से प्रभावित होकर सीरियल बम विस्फोट जैसी गतिविधि को करने के लिए प्रेरित हो गया।

इससे स्पष्ट है कि यदि उसे जमानत दी जाती है तो फिर आंतकवादी संगठनों द्वारा उसके जीवन को संकट में डाला जा सकता है।"

सलमान ने याचिका में कहा कि उसे उच्च न्यायालय में घटना के समय नाबालिग माना था। वह जिंदा बम मामले में पिछले साढ़े तीन साल से जेल में हैं। किशोर न्याय बोर्ड को अधिकतम तीन साल की सजा देने का अधिकार है। ऐसे में उसे जमानत दी जाए।

विशेष अदालत ने सभी आरोपितों को बम विस्फोट मामले में बरी कर दिया था, लेकिन जिंदा बम मामले में आरोपित जेल में है। सलमान का प्रकरण किशोर न्याय बोर्ड में लंबित है। वहीं, अन्य आरोपितों का मामला बम धमाकों की विशेष अदालत में चल रहा है।

बम धमाके में कितने लोगों ने गंवाई थी जान?

उल्लेखनीय है कि 13 मई, 2008 को जयपुर सीरियल बम धमाके हुए थे जिसने 71 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले के 11 आरोपितों में से पांच को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने गिरप्तार किया था, जबकि एक की गिरफ्तारी  दिल्ली पुलिस ने की थी।

कितने आरोपित हैं फरार?

तीन आरोपित मिर्जा शादाब बेग उर्फ मलिक, साजिद और मोहम्मद खालिद अभी तक फरार हैं। वहीं, मोहम्मद आतिफ अमीन उर्फ बशीर और छोटा साजिद बाटला एनकाउंटर में मारे गए हैं।