उदयपुर। राजस्थान पेपर लीक मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है। राजस्थान पुलिस ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड सहित 55 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए इन 55 लोगों में से महिलाओं को दो दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है, जबकि पुरुषों को रविवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बाद पांच दिनों के लिए रिमांड पर भेज दिया गया है।

पुलिस के मुताबिक, इस मामले के मास्टरमाइंड की पहचान जालोर जिले के एक सरकारी स्कूल में तैनात प्रधानाध्यापक सुरेश विश्नोई के रूप में हुई है। उदयपुर के एसपी विकास शर्मा ने कहा कि उन्हें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से पेपर लीक होने की शिकायत मिली थी और उदयपुर पुलिस व स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) द्वारा संयुक्त रूप से जांच शुरू की गई थी। पेपर लीक के कथित मास्टरमाइंड को अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया है।

उदयपुर के एसपी विकास शर्मा ने कहा गिरोह ने अवैध रूप से 'द्वितीय श्रेणी शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा 2022' के लिए प्रश्नावली प्रदान करने के लिए उम्मीदवारों से 10 लाख रुपये लिए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

29 जनवरी को होगी दोबारा परीक्षा

बता दें कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने सामान्य ज्ञान के लिए द्वितीय श्रेणी शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा 2022 को रद्द कर दिया है। पेपर लीक हो जाने के बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग ने ये फैसला लिया है। अब 29 जनवरी को इस परीक्षा को पुनर्निर्धारित किया गया है। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है।

वहीं, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार अभ्यर्थियों को होने वाली असुविधा से अच्छी तरह वाकिफ है, लेकिन वह परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होने दे सकती है। इस बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और जोधपुर से भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने पेपर लीक मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत ने अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की नाकामी के कारण छात्रों की मेहनत बेकार जा रही है। इस बीच, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने राज्य भर के सभी जिला कार्यालयों में पेपर लीक के खिलाफ विरोध मार्च निकालने की घोषणा की है।