गांव जनेर स्थित रेड क्रॉस के अधीन चलने वाले नशा उन्मूलन केन्द्र में भर्ती एक युवक ने फंदा लगाकर जान दे दी। इससे पहले, सात मई को इसी सेंटर से 15 युवक फरार हो गए थे। वे अभी तक सेंटर में वापस नहीं लौटे हैं, जबकि युवकों के भागने के बाद डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. राकेश बाली ने दावा किया था कि सभी फरार युवकों को परिवार से तालमेल बनाकर वापस लाएंगे।

हालांकि, 10 दिन बाद भी एक भी युवक वापस नहीं लौटा। इसी बीच एक युवक द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने के बाद अब नशा उन्मूलन केन्द्र की व्यवस्था पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए सेंटर में एसडीएम और डीएसपी समेत सेहत विभाग के अधिकारी पहुंच चुके हैं।

इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी मेडिकल कमिश्नर ने बताया कि राजीव कुमार पुत्र राधेश्याम निवासी जगराओं 29 अप्रैल को सेंटर में भर्ती हुआ था। गत रात्रि राजीव कुमार ने अपने ही कमरे में कपड़े से पंखे के साथ फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस ने शुरू की जांच

उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें सेंटर में रहने वाले स्टाफ से ये सूचना मिली तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। सूचना पुलिस को देने के बाद धर्मकोट की एसडीएम डॉ. चारूमिता व डीएसपी धर्मकोट मौके पर पहुंच गए थे। परिजनों के बयानों के आधार पर पुलिस ने शव वारिसों के हवाले कर दिया है।