प्रयागराज। पुलिस अभिरक्षा में हुई माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के सामने शुक्रवार को लखनऊ कई पुलिसकर्मी पेश हुए। आयोग ने पुलिसकर्मियों से सुरक्षा में हुई चूक और घटनाक्रम को लेकर कई सवाल पूछा। अभिरक्षा में तैनात रहे पुलिसकर्मियों ने आयोग के सवालों का जवाब देते अपना-अपना बयान दर्ज करवाया।

इससे पहले आयोग की ओर से पुलिसकर्मियों का शपथपूर्वक बयान लिया गया था, जिसके बाद अब मौखिक बयान दर्ज किया गया है। शाहगंज थाना क्षेत्र स्थित मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (काल्विन) में 15 अप्रैल की रात पुलिस अभिरक्षा में अतीक व उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

इस वारदात से सनसनी फैल गई थी और पुलिस की अभिरक्षा में हुई हत्या को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे थे। इसके बाद शासन स्तर पर अभिरक्षा में हुई हत्या को लेकर पहले तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया था। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहेब भोसले की अध्यक्षा में पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया गया।

आयोग यहां कई दिनों तक कैंप करते हुए मीडियाकर्मियों, अस्पताल के कर्मचारियों सहित अन्य लोगों से पूछताछ की थी। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को अभिरक्षा में तैनात रहे धूमनगंज थाने के कई पुलिसकर्मी लखनऊ में आयोग के सामने पेश होकर मामले में अपना-अपना बयान दर्ज करवाया है। अभी कुछ और पुलिसकर्मियों की ओर से पक्ष रखा जाना है।