जोशीमठ । उत्तराखंड में गंगोत्री और युमनोत्री धामों के कपाट 22 अप्रैल को खुलने के साथ ही यात्रा की शुरुआत हो गई, लेकिन, यात्रा शुरू होने से पहले बद्रीनाथ नेशनल हाईवे बिरही में चट्टान टूटने के कारण शनिवार सुबह बंद हो गया, जबकि गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे शुक्रवार को भी कई घंटों तक बंद रहा था। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर, यूपी, एमपी सहित देश-विदेश से उत्तराखंड चार धाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को सलाह दी जाती है कि चार धाम यात्रा पर जाने से हाइवे, मौसम सहित अन्य जरूरी जानकारी जुटाने के बाद ही यात्रा पर जाएं। देर शाम हाइवे बंद होने पर तीर्थ यात्रियों की रात सड़कों पर भी गुजर सकती है। बद्रीनाथ हाइवे के बंद होने के बाद जगह-जगह यात्री फंस गए।
यात्री जोशीमठ से ऋषिकेश और ऋषिकेश से जोशीमठ नहीं जा पा रहे थे। पहाड़ी से भारी तादाद में बोल्डर और मलबा टूटकर लगातार बद्रीनाथ नेशनल हाइवे पर गिर रहा है।  बोल्डर और मलबा गिरने से लोग दहशत में आ गए थे, लेकिन राहत भरी बात यह रही कि कोई भी हादसा नहीं हुआ। बोल्डर और मलबा गिरने से करीब-करीब तीन घंटे तक हाईवे बंद रह। राहत की बात रही कि प्रशासन और बीआरओ की टीम ने कड़ी मेहनत के बाद हाइवे को खोल दिया है। 
विदित हो कि पिछले तीन दिनों में बद्रीनाथ हाइवे कई बार बंद और खुला है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम आज अक्षय तृतीय के दिन 22 अप्रैल को खुल गए, जबकि, केदारनाथ धाम 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम 27 अप्रैल को खुल रहे हैं। उत्तरकाशी जिले में खराब मौसम के चलते शुक्रवार को तड़के गंगोत्री हाईवे हेलगूगाड़ तथा यमुनोत्री हाईवे किसाला के पास मलबा आने से बंद हो गए थे। गंगोत्री हाईवे पर हेलगूगाड के समीप सुबह पौने आठ बजे तक बहाल हो गया था, लेकिन यमुनोत्री हाईवे किसाला के समीप दिनभर बंद रहा। मार्ग यातायात के लिए सुचारु कर दिया गया। हाईवे बंद रहने से 
विश्वनाथ मंदिर में डोली का जोरदार स्वागत किया गया। डोली दूसरे पड़ाव में शनिवार को फाटा पहुंचेगी। जबकि 23 अप्रैल को गौरीकुंड और 24 अप्रैल को केदारनाथ धाम पहुंचेगी जहां 25 अप्रैल को सुबह 6:20 मिनट पर बाबा केदार के कपाट देश-विदेश के भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।