जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी की अध्यक्षता में प्रदेश में इन्फ्लूएंजा ‘‘ए’’ एच-3 एन-2 के संक्रमण प्रसार की संभावनाओं को लेकर इसके बचाव एवं नियंत्रण के संबंध में आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में इन्फ्लूएंजा  ‘‘ए’’ एच-3 एन-2   के बचाव व नियंत्रण गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की गयी। 
डॉ. पृथ्वी ने बताया कि एच-3, एन-2 वायरस का संक्रमण व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इसके बचाव के लिए मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग व स्वच्छता  इत्यादि के बार में जन जागरूकता विकसित करने सहित आवश्यक जांच व निगरानी व्यवस्था करना आवश्यक है। इसी क्रम में चिकित्साधिकारियों के साथ कार्यशाला में आवश्यक चर्चा की गयी। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सा संस्थानों को निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि एम्स जोधपुर सहित सभी मेडिकल कॉलेज, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों व अन्य संबंधित को नियमित रूप से इन्फ्लूएंजा ए इन्फ्लूएंजा बी एवं एडिनोवायरस केसेज की मॉनिटरिंग करते हुये यथाशीघ्र रिपोर्ट भिजवाने को निर्देशित किया गया है।उल्लेखनीय है कि बदलते मौसम में बुखार का एक कारण इन्फ्लूएन्जा वायरस हो सकता है। इन्फ्लूएन्जा संक्रमण में बुखार, खांसी, सिर दर्द, हाथ पैरो में दर्द एवं गले में खराश आदि लक्षण प्रकट होते हैं। इसके अतिरिक्त गंभीरता नहीं बतरने पर रोगी को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है। इन्फ्लूएन्जा वायरस के दो प्रकार मनुष्य में संक्रमण कर सकते हैं इन्फ्लूएन्जा ए व इन्फ्लूएन्जा बी।