ठंड, गर्मी और बरसात में खुली छत के नीचे किसी को भी रात न गुजरना पड़े, इसी मंशा के साथ उज्जैन नगर निगम ने शहर में रैन बसेरे तो शुरू करवा दिए हैं। लेकिन जिम्मेदार इन रैन बसेरों के मेंटिनेंस की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे स्थिति कुछ यह हो चुकी है कि जर्जर अवस्था में जा पहुंचा। यह रैन बसेरा अब यहां रुकने वाले लोगों की जान आफत में डाल रहे हैं। रविवार रात को भी देवासगेट बस स्टैंड के ऊपर बने नगर निगम के रैन बसेरे में छत का प्लास्टर अचानक गिर पड़ा, जिससे बाबा महाकाल के दर्शन करने आए दो श्रद्धालु घायल हुए हैं।

देवासगेट बस स्टैंड के ऊपर नगर निगम द्वारा एक रेन बसेरा संचालित किया जाता है, जिसका उपयोग बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर आने वाले लोगों के साथ ही गरीब वर्ग भी करता है। नगर निगम के इसी रैन बसेरे में उस समय हलचल मच गई, जब छत का प्लास्टर गिरने से दो लोग घायल हो गए।

बताया जाता है कि राजस्थान में झालावाड़ जिले के निवासी मांगीलाल और अंकुर साहू सागर जिले में रहते हैं। वह बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आए थे और रात को रैन बसेरे में ही आराम कर रहे थे। लेकिन अचानक छत का प्लास्टर गिरा, जिससे वह घायल हो गए। कुछ लोगों की सहायता से इन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां इनका उपचार जारी है।

एक महीने पहले भी गिरा था प्लास्टर

बताया जाता है कि एक महीने पहले भी इसी रैन बसेरे का प्लास्टर गिरने के बाद निगम के अधिकारियों को अवगत कराया गया था कि बारिश के मौसम में छत का प्लास्टर गिर रहा है। इसे जल्द से जल्द सुधरवाया जाए। लेकिन जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, जिससे कोई जनहानि न हो। इस दृष्टि से कुछ कमरों में तो ताले लगा दिए गए थे। लेकिन कल रात को एक अन्य कमरे में प्लास्टर गिरने की घटना घटित हो गई।