सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते है और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन रंग पंचमी का पर्व खास माना जाता है रंग पंचमी का पर्व होली के पांचवें दिन यानी की चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है, ऐसा कहा जाता है कि इस दिन रंग और अबीर के साथ देवी देवता होली खेलते है।

यही वजह है कि इसे रंग पंचमी के नाम से जाना जाता है, इस साल रंग पंचमी का पर्व 12 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा रंग पंचमी के पर्व से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे है तो आइए जानते है।

रंग पंचमी पर्व का मुहूर्त-
आपको बता दें कि इस साल रंग पंचमी का पर्व 12 मार्च को मनाया जाएगा। इसे होली का समापन भी कहा जाता है इस बार रंग पंचमी का आरंभ 11 मार्च की रात्रि 10 बजकर 5 मिनट पर होगा। जिसका समापन 12 मार्च की रात्रि 10 बजकर 1 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में 12 मार्च को यह पर्व मनाना उत्तम रहेगा।

धार्मिक तौर पर रंग पंचमी को खास महत्व दिया जाता है यह पर्व होली की ही तरह मनाया जाता है इसमें लोग गुलाल और रंग उड़ाकर अपनी प्रसन्नता को बाटते है। इस दिन कई स्थानों पर भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा को भी गुलाल अर्पित किया जाता है और उनकी शोभा यात्राएं भी निकाली जाती है, इस दिन भी लोग एक दूसरे को रंग लगाकर अपनी खुशियां बांटते है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन आकाश की ओर गुलाल और अबीर उड़ाने से चारों ओर सकारात्मकता आती है जिसका प्रभाव नमुष्य की सोच, व्यक्तित्व और उसके जीवन पर होता है।