आयरन हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है। हीमोग्लोबिन वो प्रोटीन है, जो हमारे फेफड़ों से ऑक्सीजन को हमारे शरीर में टिशूज में स्थानांतरित करता है, बेहतर प्रतिरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा इससे थकान में भी कमी आती है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार अनुमानित 1.62 अरब लोग, या दुनिया की आबादी का 24.8 प्रतिशत आयरन की कमी या एनीमिया से प्रभावित हैं।

पर्याप्त हीमोग्लोबिन के बिना टिशूज और मांसपेशियों में ऊर्जा की कमी रहती है। वहीं शरीर में अधिक ऑक्सीजन युक्त रक्त को स्थानांतरित करने के लिए दिल को अधिक मेहनत करनी होगी। इससे थकान हो सकती है, जिससे चिड़चिड़ापन होता है और एकाग्रता में कठिनाई हो सकती है।

आयरन की कमी के लक्षण-
-आलस्य

-सांस लेने में कठिनाई

-थकान

-एनीमिया

-ध्यान लगाने में कठिनाई

वहीं आयरन की कमी के कुछ सामान्य लक्षणों में थकान, कमजोरी, पीली त्वचा, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, सिरदर्द, ठंडे हाथ और पैर के अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली भी शामिल है।

आयरन की कमी का कारण क्या है?

पुरुष और महिला दोनों आयरन की कमी से पीड़ित हो सकते हैं, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आयरन की कमी होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि मासिक धर्म के दौरान उनमें खून की कमी हो जाती है। गर्भावस्था और प्रसव के कारण भी आयरन की कमी हो सकती है।

आयरन की कमी होने पर क्या करें?

अगर आपको संदेह है कि आप में आयरन की कमी हो सकती है, तो अपने डॉक्टर से बात करें और इसका पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराएं। शरीर में आयरन के स्तर को बढ़ावा देने में मदद के लिए आयरन की दवाई भी देने की सिफारिश की जा सकती है। इसके अलावा रेड मीट, बीन्स, दाल, पालक और फोर्टिफाइड अनाज जैसे आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ से भी आयरन की कमी को रोकने में मदद मिल सकती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बहुत अधिक आयरन लेना भी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए कोई भी आयरन सप्लीमेंट शुरू करने से पहले हमेशा अपने हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें। क्रूसिफेरस सब्जियां, डार्क चॉकलेट और फलियां भी आयरन से भरपूर कुछ खाद्य पदार्थों में शामिल हैं।