नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसकी वजह से लिवर में फैट्स जमा होने लगते हैं। जैसा कि नाम से जाहिर है यह स्थिति शराब के सेवन से नहीं जुड़ी है। भारतीय डाटा की मानें तो हर तीन में एक व्यक्ति यहां फैटी लिवर बीमारी से पीड़ित है। लोगों की लाइफस्टाइल और खान-पान जिस तरह से बिगड़ता जा रहा है, उससे लगता है कि यह आंकड़ा भी बढ़ता जाएगा।

ऐसे में फैटी लिवर के लक्षणों के बारे में जानकारी रखना जरूरी हो गया है। तो आइए जानें उन शुरुआती लक्षणों के बारे में जो फैटी लिवर होने पर चेहरे और त्वचा पर दिख जाते हैं।

चेहरे पर फैटी लिवर के संकेत

हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि मेटाबॉलिक डीरेंजमेंट की वजह से फैटी लिवर के कुछ मरीजों के चेहरे पर बदलाव देखे जा सकते हैं। आंखों के नीचे सूजन, डार्क सर्कल्स, आखों के नीचे और मुंह के कोनों पर झुर्रियां, आंखों का रंग पीला पड़ना फैटी लिवर की निशानी है।

एक्ने और रेडनेस भी संकेत हैं

भवों के बालों का काम होना, गालों का रंग लाल और गुलाबी हो जाना, चेहरे पर सूजन, एक्ने का और बिगड़ जाना भी लिवर की बीमारी के संकेत हो सकते हैं। हालांकि, इनका दिखना जरूरी नहीं लिवर की खराबी से ही जुड़ा हो, इसके पीछे दूसरे कारण भी हो सकते हैं। इसलिए मेडिकल जांच जरूर करवाएं।

स्पाइडर वेन्स को नजरअंदाज न करें

जब लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचता है, तो त्वचा पर स्पाइडर वेन्स दिखती हैं। जो लाल रंग की होती हैं और एक मकड़ी के जाले की तरह फैलती हैं।

फैटी लिवर की वजह से बढ़ते हैं ये जोखिम

फैटी लिवर से अगर आप जूझ रहे हैं, तो इससे कई दूसरी खतरनाक बीमारियों का जोखिम भी बढ़ता है। जैसे कि स्लीप एप्निया, जिसमें सोते समय सांस रुक जाती है, आमतौर पर फैटी लिवर के मरीजों में ही देखी जाती है। स्लीप एप्निया में शरीर को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता और दिनभर थकावट रहती है, जिससे आपको रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत आती है। इसके अलावा नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज भी बेचैनी, अवसाद और चिंता के जोखिम को बढ़ाता है, जिससे आपका काम और प्रोडक्टिलिटी दोनों प्रभावित होते हैं।