भोपाल । पार्टी विद डिफरेंस कहलाने वाली भाजपा की एकता की पोल नगरीय निकाय चुनाव में खुल गई है। पहले पार्षदों के टिकट और अब नगरीय निकायों में अध्यक्ष-उपाध्यक्षों की ताजपोशी के भाजपा नेताओं की आपस में इस कदर ठन गई है कि पार्टी की गुटबाजी सड़क पर नजर आने लगी है। हालांकि 5 अगस्त को हुए 21 निकाय अध्यक्षों के चुनाव में भाजपा ने 17 जगह अपने अध्यक्ष बना लिए हैं, लेकिन पार्टी की गुटबाजी सतह पर आ गई है। नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन को लेकर अभी कई जिलों में कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है। दतिया, ग्वालियर, मुरैना, डिंडोरी, रीवा, सतना, जबलपुर, बड़वानी, धार, सिंगरौली, उज्जैन और रतलाम सहित कतिपय अन्य जिलों में भी गुटबाजी की स्थितियां सामने आ चुकी हैं। प्रदेश में निकाय चुनाव और अध्यक्ष-उपाध्यक्षों की ताजपोशी के मुद्दे पर कई जिलों के दिग्गज भाजपाइयों में ठन गई है। ग्राम व नगर सरकार बनाने के दौरान ऐसी परिस्थितियां भी निर्मित हो गईं कि संगठन के नेता ही आमने-सामने आ गए। कहीं-कहीं तो अपनों के प्रत्याशी को निपटाने विरोधी से भी हाथ मिला लिए गए। आयाराम-गयाराम का बोल-बाला इतना ज्यादा रहा कि पार्टी लाइन और अनुशासन की सीमा रेखा भी फीकी पड़ गई। चुनावों के चलते पार्टी के नेताओं में बढ़ी इस गुटबाजी और तनातनी सियासी अनबन के चलते सत्ता- संगठन के प्रमुख नेता चिंतित हो उठे हैं। संगठन को आगामी मिशन 2023 और लोकसभा चुनाव की चिंता सताने लगी है।

कई जिलों में सामने आई तनातनी
 प्रदेश के कई जिलों में सियासी तौर पर ऐसे रोचक प्रसंगों ने मीडिया की खूब सुर्खियां बटोरीं। डबरा नगर पालिका में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर जो भी सियासी गतिविधियां चलीं उससे पार्टी के बड़े नेताओं की गुटबाजी सामने आ गई। डबरा नपा के लिए कांग्रेस की ओर से उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए सत्येंद्र दुबे को भाजपा नेत्री इमरती देवी ने 10 मिनट बाद ही भाजपा की सदस्यता दिला दी। दुबे ने भाजपा प्रत्याशी कपिल खटीक को पराजित किया था। अब इस नाटकीय घटना के बाद गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और इमरती देवी के बीच अनबन की खबरें सामने आ गईं। डिंडोरी में भी केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और पूर्व मंत्री व संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी ओम प्रकाश धुर्वे के बीच सियासती तनातनी सुर्खियां बन चुकी हैं। बड़वानी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में मंत्री पुत्र ने पार्टी से बगावत कर विरोधियों से हाथ मिलाया और भाजपा प्रत्याशी को पटकनी दे दी। हालांकि जीतने के बाद संगठन ने उसकी अनुशासनहीनता की बात को तवज्जो नहीं दी लेकिन जिले के अन्य वरिष्ठ नेताओं में इसका नकारात्मक असर साफ दिखाई देने लगा। धार जिले में भी क्षेत्रीय सांसद और जिले के भाजपा नेताओं में जिला पंचायत का अध्यक्ष पद गुटबाजी की लाइन गहरी कर चुका है। सांसद ने अपनी पत्नी को ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार दिया। चुनाव के बाद स्थानीय नेता देख लेने और निपटाने वाले भाव से मौके की तलाश में बैठ गए हैं। उधर सिंगरौली के महापौर चुनाव में मिलती जुलती स्थितियां सामने आईं। गुटबाजी और प्रत्याशी चयन को लेकर उपजे असंतोष के चलते पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। कटनी महापौर चुनाव के बाद स्थानीय स्तर पर पार्टी के नेताओं में एकता के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे ।

दमोह में सबसे अधिक फजीहत
दमोह जिले में गांव और नगर सरकार के चुनावों में भाजपा साफ हो गई। है। कांग्रेस ने दमोह नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव जीत लिया। इस हार से आहत केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने सोशल मीडिया पर स्वीकारा कि दमोह में हार की जिम्मेदारी पूरी तरह मेरी है। क्योंकि अल्पमत के बाद चुनाव लडऩे की मेरी सहमति थी। हम जोड़-तोड़ की राजनीति में विफल रहे। हाल ही में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हारने पर पटेल के सरकारी बंगले से मंत्री गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री जयंत मलैया के खिलाफ चुनाव हराने के आरोप लगे थे। दमोह में नपाध्यक्ष बनवाने के लिए प्रहलाद सक्रिय थे। बावजूद कांग्रेस की मंजू राय अध्यक्ष और सुषमा सिंह उपाध्यक्ष चुनाव जीत गई। यहां पूर्व मंत्री जयंत सलैया के बेटे सिद्धार्थ ने अपने खेमे के 5 पार्षदों को फ्री हैंड दे दिया था। मंजू राय को 24 और भाजपा के विक्रांत गुप्ता को 15 वोट मिले। कांग्रेस को 6 निर्दलीय और एक वोट बसपा का मिला। हिंडोरिया में पूर्ण बहुमत होने के बाद भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी गणेश सिंह हार गए। यहां भाजपा के हेमेंद्र सिंह निर्दलीय जीत गए। नगर परिषद पथरिया में भाजपा बसपा को समर्थन देकर अध्यक्ष बनाना चाहती थी। एक दिन पहले बसपा के सुंदर विश्वकर्मा कांग्रेस में चले गए। कांग्रेस ने सुंदर को ही प्रत्याशी बना दिया और वे जीत गए।

17 निकायों में भाजपा के अध्यक्ष
प्रदेश के 21 निकायों में अध्यक्ष के निर्वाचन में 17 निकायों में भाजपा के अध्यक्ष चुने गए है। ग्वालियर नगर निगम में मनोज तोमर, सिंगरौली में देवेश पाण्डे निगम अध्यक्ष निर्वाचित हुए है। इसी प्रकार नगर पालिका परिषद शाजापुर में प्रेम जैन एवं नगरपालिका परिषद अशोकनगर में नीरज मनोरिया निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए है। इसी प्रकार नगरपालिका परिषद पोरसा में कुसुमा देवी, नगर पालिका परिषद सबलगढ में सोनेराम धाकड, नगरपालिका परिषद श्योपुर  रेणुका राठौर अध्यक्ष निर्वाचित हुई है। नगर परिषदों के चुनाव में नगर परिषद मक्सी में लाडकुंवर बाई, नगर परिषद हिंडोरिया में हेमेन्द्र सिंह, नगर परिषद बलदेवगढ में शालिनी मिश्रा, नगर परिषद ठिकरी में पूजा जायसवाल, नगर परिषद निवाडी बुजुर्ग में तरूणा सिसोदिया, नगर परिषद बडौदा में भरोसी बाई, नगर परिषद विजयपुर कमलेश कुशवाह, नगर परिषद कैलारस में अंजना बंसल, नगर परिषद शाडोरा में अशोक माहौर, नगर परिषद सोहागपुर में लता पटेल अध्यक्ष निर्वाचित हुई है।