काबुल । अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद महिलाओं की हारत बद से बदतर हो गई उनकी शिक्षा पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई थी। जिसके बाद दुनिया भर में इसकी खूब आलोचना हुई। अब इस प्रतिक्रिया के बाद तालिबानी महिलाओं की शिक्षा के लिए नया पाठ्यक्रम लाएंगे। अफगानिस्तान में लड़कियों के शिक्षा को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद ये कदम उठाया गया है। खबरों के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के निर्देशन में अफगान विश्विद्यालय के अधिकारी स्थानीय संस्थानों के पाठ्यक्रम में संशोधन करेंगे। उच्च शिक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता अहमद तकी ने बताया कि हमारा उद्देश्य होगा- सभी विश्विद्यालयों के पाठ्यक्रमों की समीक्षा करना और उसे विकसित करना। इसके लिए हमने समीक्षा आयोग का गठन किया है। जिसमें विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।
ऐसा इसलिए हो पाया क्योंकि कई मानवाधिकारी और शिक्षा कार्यकर्ताओं ने हाल ही में विश्व के नेताओं से आग्रह किया था कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का 1 साल पूरा होने जा रहा है। महिलाओं के अधिकार छीने जा चुके हैं। इसलिए लड़कियों के लिए माध्यमिक विद्यालयों को वापस खोलने के लिए राजनयिक दबाव डाला जाए। अफगान लड़कियों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा के लिए गंभीर कदम उठाया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक युवा लड़कियां, महिलाएं अपनी आकांक्षाओं से समझौता कर रही हैं। क्योंकि उनका विकास इन 300 दिनों में ठप हो गया है। अगर ऐसी स्थिति बनी रहेगी तो उनके लक्ष्य और आशाओं पर और गहरा प्रभाव पड़ेगा।
बता दें कि तालिबानियों ने अफगान महिलाओं की अभिव्यक्ति और आंदोलन की स्वतंत्रता पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ह्यूमन राइट वॉच के अनुसार हेल्थ केयर के लिए भी महिलाओं को जाना मना है। तालिबानियों ने यात्रा, मेकअप, प्रजनन अधिकार, शिक्षा, सार्वजनिक भागीदारी और स्वास्थ के मौलिक अधिकारों से अफगान महिलाओं पूरी तरह वंचित कर दिया है।