जयपुर। राजधानी जयपुर में प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में स्किन बैंक का शुभारंभ कर दिया गया है। एसएमएस अस्पताल के सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में स्थापित किये गये इस स्किन बैंक से आग से गंभीर रूप से झुलसे मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी। चिकित्सकों के मुताबिक 30 फीसदी से ज्यादा झुलसे मरीजों का सर्वाइवल मुश्किल होता है। स्किन ग्राफ्टिंग से ज्यादातर मरीजों को जीवनदान मिल सकेगा। स्किन बैंक में स्किन को करीब 5 साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। अब जयपुर में ब्रेन डेड मरीजों की स्किन भी डोनेट की जा सकेगी।
  एक अनुमान के अनुसार देशभर में हर साल जलने से एक लाख लोगों की मौत होती है। इसका मुख्य कारण होता है बर्न केसेज के मरीजों के शरीर से फ्लूड का लगातार निकलना। ऐसे मामलों में 30 फीसदी से ज्यादा जलने पर मरीज का सर्वाइवल मुश्किल होता है। इस स्किन बैंक में किसी भी हादसे में झुलसने वाले मरीज को स्किन ग्राफ्टिंग कर उसे नई जिंदगी दी जा सकेगी। इसके लिए ब्रेनडेड मरीजों की स्किन ली जाएंगी। स्किन बैंक के नोडल अधिकारी एवं प्लास्टिक सर्जन डॉ राकेश कुमार जैन ने बताया कि आमतौर पर ब्रेनडेड मरीज के डोनेशन के जरिये हार्ट, लिवर, किडनी और अन्य अंगों से दूसरे मरीजों की जान बचाई जाती है। इसी तरह ब्रेन डेड व्यक्ति की स्किन भी बर्न केसेज के मरीजों में ट्रांसप्लांट की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि झुलसने वाले मरीजों की स्किन ग्राफ्टिंग से कई तरह की समस्याएं कम होंगी और उनका सर्वाइवल रेट भी बढ़ेगा।
इस स्किन बैंक में एक निजी संस्था के सहयोग के करीब एक करोड़ रुपयों की लागत से अत्याधुनिक उपकरण स्थापित किए गए हैं। यहां ब्रेन डेड मरीज की स्किन लेने के साथ ही उसकी प्रोसेसिंग के लिए उपकरण मौजूद हैं। स्किन बैंक में माइनस 70 डिग्री सेल्सियस में स्किन को रखने के लिए फ्रीजर स्थापित किए गए हैं। सबसे खास बात यह है कि डोनेट स्किन को 5 साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है ताकि जब जरुरत हो उसे उपयोग में लिया जा सके। डॉ राकेश कुमार जैन ने बताया कि ब्रेनडेड मरीज की जांघ, पैरों और पीठ से स्किन ली जाती है। स्किन ग्राफ्टिंग सिर्फ जलने वालों में ही नहीं बल्की चोट लगने में और स्किन की अन्य बीमारियों में भी काफी मददगार है। एसएमएस अस्पताल में स्किन बैंक की कवायद काफी समय से चल रही थी, लेकिन उपकरण उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण स्किन बैंक की शुरुआत नहीं हो पाई थी। अंगदान की तरह स्किन दान को लेकर भी जागरुकता की जरुरत हैं। स्किन डोनेशन के जरिये कई मरीजों की जिंदगी आसान की जा सकती है।