लखनऊ । यूपी विधानसभा के बजट सत्र का  तीसरा दिन है। इस बीच एक तरफ सदन में भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर जारी है तो दूसरी तरफ बाहर आजम खान-शिवपाल सिंह यादव की अखिलेश यादव की नाराजगी और ओमप्रकाश राजभर की बयानबाजी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। सदन में जहां शिवपाल ने अपनी कुर्सी बदलवाने के लिए अध्‍यक्ष को चिट्ठी लिखी है तो वहीं अखिलेश के ठीक बगल वाली कुर्सी आवंटित होने के बावजूद आजम खान 2 दिन से तक लखनऊ में रहने के बावजूद सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। लखनऊ में शिवपाल और आजम की एक और मुलाकात मंगलवार को पूरे दिन चर्चा में रही। इस पर कल आजम खान ने और आज शिवपाल यादव ने साफ कर दिया कि दोनों साथ थे, हैं और आगे भी रहेंगे। आजम खान पर लंबे समय से जुल्‍म हो रहा है। हम जेल में भी उनसे मिलने दो बार गए हैं। वह यूपी की विधानसभा में सबसे सीनियर लीडर है। 10 बार विधायक, एक बार लोकसभा सदस्‍य और एक बार राज्‍यसभा सांसद रह चुके हैं। आज विस में सबसे सीनियर सदस्‍य हैं। सपा के संस्‍थापक सदस्‍य रहे हैं। सपा में बहुत दिनों हम दोनों साथ रहे हैं। हमारी मुलाकात हुई है। मैंने दो बार जेल जाकर मुलाकात की। परसों भी एक घंटे बात हुई। हम आगे भी मिलेंगे और मैं उनकी जितनी मदद हो सकती है करूंगा।' आजम खान ने इशारों ही इशारों में बात की थी। शिवपाल से मुलाकात के सवाल पर आजम ने कहा था-'अंदाजा यह हुआ है कि सलाम दुआ सबसे रहनी चाहिए।' इस पर पूछे जाने पर शिवपाल ने कहा- 'राजनीति में सबसे मिलने-जुलना, शादी-ब्‍याह में शामिल होना, सुख-दुख में शामिल होना जरूरी होता है। मिलना भी चाहिए। राजनीतिक लोग करते भी हैं। जो लोग दूर रहते हैं उन्‍हें सफलता नहीं मिलती है।' शिवपाल ने कहा कि हमने बड़ों से भी यही सीखा है। शिवपाल सिंह यादव ने बताया कि विधानसभा में सीट बदलने के लिए उन्‍होंने अध्‍यक्ष को पत्र लिखा था। सत्‍ता पक्ष और विपक्ष के संरक्षक के रूप में अध्‍यक्ष का दायित्‍व होता है। क्‍या किसी अन्‍य पार्टी के साथ मिलकर कोई मजबूत मोर्चा बनाएंगे? इस सवाल पर शिवपाल ने कहा कि अभी तो अपने संगठन को मजबूत करने में लगे हैं। फिर समय आने पर जैसी परिस्थितियां होंगी निर्णय जरूर लेंगे।