उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले 250 से अधिक जाट नेताओं के साथ दिल्ली में मुलाकात के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने समुदाय के नेताओं से अपील 2014, 17 और 19 की तरह एक बार फिर बीजेपी की झोली भर दें। जाट समुदाय को दिए गए सम्मान और 2017 से पहले की कानून-व्यवस्था की याद दिलाते हुए बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने 2014, 2017 और 2019 में बीजेपी की सरकार बनवाने के लिए समुदाय को क्रेडिट दिया।   

सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह ने जाट समुदाय के साथ 650 साल पुराना रिश्ता बताते हुए कहा कि आपने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, हम भी लड़ रहे हैं। जाट भी किसानों के लिए सोचते हैं और बीजेपी भी। जाट देश की सुरक्षा के लिए सोचते हैं और बीजेपी भी। शाह ने कहा कि यदि कोई शिकायत है तो उनसे झगड़ा कर सकते हैं, लेकिन पार्टी से कोई नाराजगी ना रखी जाए। बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में मिले समर्थन का जिक्र करते हुए कहा, ''हम जब भी आए आपने वोटों से झोली भर दी। कई बार आपकी बात नहीं मानी तब भी आपने हमें वोट दिया।

3 विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थितियों को बीजेपी के और अनुकूल बनाने के अगले प्रयासों के तहत वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेताओं से संवाद किया। दिल्ली से भाजपा के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के आवास पर हुई इस बैठक को ''सामाजिक भाईचारा बैठक'' का नाम दिया गया। 

बैठक में जाट समुदाय के करीब 250 से अधिक प्रबुद्ध वर्ग के लोग और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभुत्व रखने वाले नेताओं के अलावा भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रभारी व केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह भी शामिल हुए। प्रवेश वर्मा ने पत्रकारों से चर्चा में दावा किया कि जाट नेताओं में भाजपा के प्रति जो नाराजगी थी, वह अब नहीं है। 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है। पहले चरण में 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा। इसमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर जिले प्रमुख हैं। दूसरे चरण में 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसमें सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत प्रमुख जिले हैं। पहले दोनों चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मतदान होगा। पिछले चुनावों में भाजपा ने इस इलाके में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन इस बार किसान आंदोलन की वजह से क्षेत्र के किसानों और जाट समुदाय में भाजपा के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली है।
    
ज्ञात हो कि किसानों, जाटों और दलितों के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी अच्छी है। हर चुनाव में भाजपा पर इस इलाके में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश के आरोप लगते रहे हैं। इस बार भाजपा की ओर से 'पलायन' और ''80 बनाम 20'' जैसे मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है। अमित शाह ने पिछले दिनों कैराना का दौरा कर इन मुद्दों को धार देने की भी कोशिश की। शाह गुरुवार को मथुरा और गौतमबुद्धनगर नगर में घर-घर प्रचार अभियान करेंगे। इसी दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बागपत और गाजियाबाद में पार्टी के प्रचार अभियान की कमान थामेंगे।