उज्जैन | संकष्टी चतुर्थी पर मंगलवार को उज्जैन के चिंतामन गणेश को लाल बाग के राजा रूप में सजाया गया। वहीं तिल के लड्डुओं का महाभोग लगाया गया।माघ मास की संकष्टी चतुर्थी सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई गई। मंगलवार के दिन चतुर्थी होने से इसे अंगारकी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश व चौथ माता के साथ भगवान मंगलनाथ व अंगारेश्वर महादेव की पूजन का विधान है। महापर्व पर भगवान चिंतामन गणेश को लड्डुओं का महाभोग लगाया गया।

चिंतामन गणेश मंदिर के पं.शंकर पुजारी ने बताया कि माघ मास की संकष्टी चतुर्थी साल की सभी चतुर्थियों में बड़ी मानी जाती है। इस दिन भगवान चिंतामन गणेश के पूजन का विधान है। देशभर से भक्त यहां सुख समृद्धि व मांगलिक कार्यों में आ रहे व्यवधान को दूर करने के लिए भगवान के दर्शन पूजन व प्रार्थना करने आते हैं। माघी चतुर्थी पर मंदिर में तिल महोत्सव मनाया जाता है।इस बार भी उत्सव भव्य रूप से मनाया जा रहा है। मंदिर में आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है।

मंगलवार तड़के 4 बजे मंदिर के पट खुले। इसके बाद भगवान का अभिषेक पूजन कर विशेष शृंगार किया गया। इसके बाद भगवान को तिल से निर्मित 56 पकवानों के साथ सवा क्विंटल तिली के लड्डुओं का महाभोग लगाकर आरती की गई। दिनभर दर्शन का सिलसिला जारी रहा। मंदिर में भक्तों की सुविधा के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं।माघी संकष्टी चतुर्थी पर महाकाल मंदिर के समीप स्थित भगवान बड़े गणेश की स्थापना का 114वां स्थापना दिवस मनाया गया।