जयपुर । मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने राज्य के दस जिला कलेक्टर एवं पशुपालन विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बैठक कर  प्रदेश में मवेशियों में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की स्थिति एवं रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों की पुन: समीक्षा की। उन्होंने बताया कि राज्य में गौवंशीय पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज को लेकर राज्य सरकार सजगता एवं संवेदनशीलता के साथ सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
श्रीमती शर्मा ने बताया कि आपातकालीन जरूरी दवाईयां खरीदने के लिये संभाग स्तरीय  अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को 8 लाख से 12 लाख रुपये और बाकी प्रभावित जिलों को 2 सेे 8 लाख रुपये का बजट दिया गया है। यह राशि पूर्व में इमरजेंसी बजट में  समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों तथा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों को आवंटित राशि के अतिरिक्त जारी की गई है। उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों में बीमारी की रोकथाम, रोगी पशुओं का उपचार और प्रभावी मॉनिटरिंग के लिये 30 अतिरिक्त किराये के वाहनों की  व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने जिला कलेक्टरों को जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर प्रभावित क्षेत्रों में रोगी पशुओं की समुचित उपचार व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये। श्रीमती शर्मा ने बताया कि दवा खरीद के लिये इमरजेंसी बजट उपलब्ध करवा दिया गया है, तथा अतिरिक्त आवश्यकता होनेे पर और उपलब्ध करवा दिया जावेगा।उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों में जहां पशु चिकित्सा कार्मिकों की कमी है, वहां पड़ोसी जिलों से चिकित्सा दल गठित कर भेजे गये है।