भोपाल । मध्यप्रदेश में कोविड-19 गाइडलाइन  उल्लंघन के मामले में दर्ज 56 हजार से अधिक कोविड केस को सरकार ने वापस लेने का ऐलान किया है। सरकार के ऐलान के बाद प्रदेश में इस मामले को लेकर सियासत शुरू हो गई है। मामले को लेकर कांग्रेस ने जहां सरकार पर हमला बोला है वहीं बीजेपी ने पलटवार किया है।
पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि यह सिर्फ चुनावी शिगूफा है। तकनीकी रूप से चुनाव से पहले केस वापस नहीं हो सकते, केस वापस होने की प्रक्रिया बहुत लंबी है। कहा कि -हमने भी सरकार में रहते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के केस वापस करने की प्रक्रिया शुरू की थी। हम 15 महीने में भी केस वापस नहीं करवा सके। चुनाव से पहले तो केस वापस करने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पाएगी। पूर्व कानून मंत्री के दावे पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि चुनाव से पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ कोविड केस भी वापस होंगे। कमलनाथ सरकार में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के केसों की सुनवाई नहीं हुई थी। बीजेपी सरकार में तेजी से केस वापसी की प्रक्रिया चलेगी। कहा- चुनाव से पहले बीजेपी सरकार केस वापस करके दिखाएगी।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद मध्यप्रदेश केस वापस लेने की तैयारी शुरू हो गई है। जिन मामलों में चालान पेश और कोर्ट में पेंडिंग है उन्हें भी राहत मिलेगी। सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और डॉक्टर के केस इसमें शामिल नहीं है। नेताओं के केस एमपी एमएलए कोर्ट जाएंगे। डॉक्टरों पर दर्ज गंभीर प्रकरण वापस नहीं होंगे।