पहले जिन क्षेत्रों में उच्च शिक्षा पाने के लिए विद्यार्थियों को मीलों चलना पड़ता था, आज वहां नवीन महाविद्यालय के बन जाने से उच्च शिक्षा की राह बेहद आसान हो गई है। आवापल्ली, कुआकोंडा, तोंगपाल जैसे दुर्गम क्षेत्रों में अब महाविद्यालय खुल चुके हैं। राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण पहल करते हुए महाविद्यालयों में प्रवेश लेने की आयु सीमा समाप्त कर दी है। इससे किसी कारणवश पढ़ाई बीच में ही छूट चुके लोगों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए एक अच्छा अवसर मिला है।

महाविद्यालयों में अधोसंरचना का विकास और अध्ययन-अध्यापन के लिए संसाधनों में बढ़ोतरी हो रही है, इससे प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। वर्ष 2018-19 की तुलना में 2022-23 में 48 प्रतिशत छात्र बढ़ गए। कालेज में पढ़ने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पिछले चार वर्षों में 33 नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले गए और 76 अशासकीय महाविद्यालय प्रारंभ हुए। 27 विषयों में 1384 रिक्त पदों के लिए भर्ती जारी की गई थी, जिसमें से 1167 अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी किए जा चुके हैं।

अधोसंरचना एवं संसाधनों की बढ़ोतरी होने की वजह से राज्य के कालेजों की एक नई पहचान बन रही है। एजुकेशन वर्ल्ड आटोनामस कालेज रैकिंग 2023-24 में छत्तीसगढ़ के छह कालेजों को टाप 100 में जगह मिली है। शासकीय वीवायटी महाविद्यालय दुर्ग टाप 10 में नौवें स्थान पर है। बिलासपुर के शासकीय बिलासा कन्या महाविद्यालय को 14वीं रैंक, ई. राघवेन्द्र राव विज्ञान महाविद्यालय को 19वीं रैंक, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव को 34वीं रैंक, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर को 42वीं रैंक और शासकीय नागार्जुन विज्ञान महाविद्यालय रायपुर को 54वीं रैंक प्राप्त हुई है। गौरतलब है कि शैक्षणिक सत्र के दौरान ही सात मार्च को यूजीसी ने नेक ग्रेडिंग के संदर्भ में ट्वीट करके जानकारी दी, जिसमें छत्तीसगढ़ का स्थान पहला है।

उच्च शिक्षा में लड़कियों को प्रोत्साहन देने के लिए किया जा रहा है। वर्ष 2018-19 में जहां 91,982 छात्रों की तुलना में 1,34,391 छात्राओं ने प्रवेश लिया। वहीं 2022-23 में यह संख्या बढ़कर छात्रों की संख्या 1,28,310 एवं छात्राओं की संख्या 2,06,829 हो गई है। जो कि छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या 61 प्रतिशत अधिक है।