वाराणसी । ज्ञानवापी-मां शृंगार गौरी मुकदमे की सुनवाई मंगलवार दोपहर साढ़े तीन बजे शुरू होकर साढ़े चार बजे तक हुई। मगर, आज सुनवाई पूरी नहीं हो पाई और अगली डेट 21 जुलाई की दी गई है। दोनों पक्षों की उपस्थिति में राखी सिंह के अधिवक्ता की ओर से अपना पक्ष रखा गया। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस हुई। हिंदू पक्ष की वादिनी राखी सिंह के वकील शिवम गौड़ कोर्ट में पेश किए गए 361 पन्नों पर बहस किए। इस दौरान प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट पर भी बहस हुई। 1993 तक ज्ञानवापी परिसर में पूजा होती रही है, इसलिए वहां पर यह एक्ट लागू नहीं होता। कोर्ट से बाहर निकलकर उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड यह तय नहीं करेगा कि महादेव की पूजा कहां होगी। शिवम गौड़ ने कहा कि कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। अंदाजा है कि परसों हम लोग अपनी बहस पूरी कर लेंगे। जितने भी आरोप मुस्लिम पक्ष की ओर से लगाए जा रहे हैं उनका जवाब देकर निष्कर्ष तक पहुंचेंगे।