• प्रदूषण से मिलेगी राहत, शहर में चलेंगी सीएनजी बसें
  • एक साल के भीतर 1200 से ज्यादा बसें दौड़ेंगी
  • जबलपुर के लिए होगा सर्वे


भोपाल । राजधानी भोपाल, इंदौर ग्वालियर और जबलपुर में सीएनजी बसें चलाई जाएंगी। भोपाल-इंदौर में एक साल के भीतर 1200 से अधिक सीएनजी बसें चलने लगेंगी। इनमें से 700 बसें चलाने के लिए टेंडर जारी हो गए हैं, जबकि ग्वालियर जबलपुर के लिए सीएनजी बसें चलाने के संबंध में प्रस्ताव बनाया जा रहा है। यहां फिजिबिलिटी सर्वे के आधार पर सरकार जल्द ही निर्णय लेगी।
शहरों में ये बसें पीपीपी मोड पर चलाई जाएंगी। बस चलाने के लिए अनुमति उन्हीं ऑपरेटर्स को दी जाएगी, जो कम किराए पर बसें संचालित कर सकें। ऑपरेटर्स को बसें खरीदने के लिए सरकार अनुदान भी देगी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट की व्यवस्था रहेगी।


मिडी बसें चलाने पर विचार
भोपाल में 300 सीएनजी बसों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। अगले महीने 235 सीएनजी बसें और खरीदी जाएंगी। इंदौर में 400 बसें खरीदने टेंडर जारी हुए हैं। 300 बसों के लिए टेंडर जून तक जारी होंगे। सरकार ज्यादातर मिडी बसें चलाने पर विचार कर रही है, ताकि यातायात प्रभावित न हो।


स्कूल वाहनों का दोगुना किराया
उधर, अभिभावकों को कहीं से भी निजात नहीं मिल पा रही है। पेट्रोल डीजल की आड़ लेकर स्कूल बसों के किराया में चालीस फीसदी तक वृद्धि कर दी गई है। पहले से ही शिक्षा माफियाओं की कमीशनखोरी से परेशान अभिभावकों को अब स्कूल बस, स्कूल ऑटो,स्कूल वेन के मनमाने किराए से जूझना पड़ रहा है। मनमाने तरीके से वसूल रहे किराये की जांच करने और मनमानियों पर अंकुश लगाने वाले जिम्मेदारों को भी अभिभवकों की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं है।