अहमदाबाद । गुजरात में कोरोना लगातार पैर पसार रहा है सोमवार को 24 घंटे में राज्य में 6 हजार से अधिक केस सामने आए वही संक्रमण से 2 लोगों की मौत हुई दर्ज की गई। गुजरात के 1100 स्कूली बच्चे भी कोविड-19 के शिकार हुए। गुजरात में कोरोना महामारी एक बार फिर काल बनकर मंडरा रही है, बीते 24 घंटे के भीतर राज्य में 6097 केस दर्ज किए गए जो पिछले 9 महीने में सबसे अधिक है। गुजरात में इस बार स्कूली छात्र छात्राओं ने भी बड़ी संख्या में संक्रमण पाया जा रहा है। राज्य के 1100 स्कूली बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए हैं जिसमें से 532 अकेले सूरत के हैं।

राज्य में कक्षा 1 से 9 तक की शिक्षा आनलाइन दी जा रही है लेकिन कक्षा 10 से 12वीं की पढ़ाई अभी भी आफलाइन जारी है। सरकार ने 50 फ़ीसदी उपस्थिति के साथ स्कूल खोलने की मंजूरी दे रखी है। कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रोन के भी 28 और नए मामले सामने आए राज्य में अब तक नई वैरीएंट के 264 मामले हो चुके हैं। ‌

उधर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में राज्य में फ्रंटलाइन वर्कर्स हेल्थ वर्कर्स 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग तथा बीमारी से ग्रस्त महिला पुरुषों को प्रिकॉशन डोज भी देना शुरू कर दिया गया। पहले दिन 9 लाख डोज का लक्ष्य रखा गया था लेकिन महज डेढ़ लाख को ही यह डोज मिल सकी‌। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर महानगर पालिका सेक्टर 29 के अर्बन हेल्थ सेंटर में मौजूद रहकर प्रिकाशन डोज की शुरुआत की।

सरकार राज्य में वेंटिलेटर, आक्सीजन बेड, दवा एवं वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था की लगातार निगरानी कर रही है तथा सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं को चाक-चौबंद कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी पश्चिमी राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महामारी की तैयारियों की समीक्षा की। मांडव या नहीं गुजरात में की गई तैयारियों की सराहना करते हुए अन्य राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री एवं उच्च अधिकारियों से इसी तरह की बुनियादी सुविधाएं दवाइयों एवं वैक्सीन की उपलब्धता को बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के साथ टीकाकरण को गति देने पर जोर दिया।