जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शहीद होने वाले राजस्थान के लाल राजेंद्र प्रसाद की पार्थिव देह शुक्रवार देर रात चिड़ावा पहुंची। जहां से शनिवार सुबह उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया। इस दौरान हाथ में तिरंगा थामकर बड़ी संख्या में युवा भी रवाना हुए है। देश पर जान कुर्बान करने वाले राजेंद्र प्रसाद की पार्थिव देह रास्ते से गुजरी तो जगह-जगह पर लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद शहीद की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव मालीगांव पहुंची। जहां उनके अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है।बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी में राजस्थान के झुंझुनूं जिले के रहने वाले सूबेदार राजेंद्र प्रसाद भाम्बू (48) 11 अगस्त को शहीद हो गए थे। वह जिले के मालीगांव के रहने वाले थे। रक्षाबंधन से एक दिन पहले उनके शहीद होने की खबर घर पहुंची तो मातम पसर गया था। राजेंद्र प्रसाद 23 फरवरी 1995 को सेना में भर्ती हुए थे। वह वर्तमान में सूबेदार के पद पर तैनात थे। 16 जुलाई को ही राजेंद्र छुट्टी पूरी होने के बाद अपनी पोस्टिंग पर गए थे। नवंबर में उनकी बेटी की शादी है, जिसमें शामिल होने के लिए वह आने वाले थे, लेकिन बेटी के कन्यादान से पहले ही पिता राजेंद्र प्रसाद के शहीद होने की खबर आ गई।