अजमेर । सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 811 वां सालाना उर्स का झंडा 18 जनवरी 23 को दरगाह के ब़ुलंद दरवाजे पर पारम्परिक रूप से भीलवाड़ा के गौरी परिवार के सदस्यों की ओर से चढ़ाया जाएगा। इसी के साथ अजमेर वाले सूफी संत गरीब नवाज ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के सालाना उर्स की औपचारिक शुरूआत हो जाएगी।

उर्स का विधिवत प्रारम्भ रजब का चांद दिखाई देने पर 22 जनवरी 23 की रात से होगा। ख्वाजा साहब की मजार पर गुस्ल की रस्म अदा होगी और महफिल खाने में उर्स की महफिल सजेगी। इसी के साथ ही जन्नती दरवाजा खोला जाएगा।भीलवाड़ा के गौरी परिवार के सदस्य फखरुद्दन गौरी की अगुवाई में परिवार के कुछ सदस्य अजमेर पहुंच गए हैं। 18 जनवरी को असर की नमाज के बाद शाम करीब 5 बजे गरीब नवाज गेस्ट हाउस से उर्स के झंडे का जुलूस रवाना होगा। गौरी परिवार के कुछ सदस्य सैयद मारूफ चिश्ती और फखरुद्दनी गौरी की अगुवाई मे चादर और तबर्रुक के थाल सिर पर लेकर चलेंगे। पुलिस बैंड सूफियाना कलाम पेश करेगा। शाही कव्वाल असरार हुसैन की पाटी के कव्वाल कलाम पेश करेंगे। बड़े पीर की पहाड़ी से 25 तोपों की सलामी दी जाएगी और तोप के गोले दागे जाएंगे।